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जम्मू कश्मीर में आतंकवादी असंदिग्ध लोगों के मोबाइल डेटा का कर रहे हैं इस्तेमाल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आपका मोबाइल फोन आपके हाथ में हो सकता है लेकिन कोई आतंकवादी उसकी ‘हॉटस्पॉट’ सुविधा का लाभ उठा रहा हो ऐसा संभव है.
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कश्मीर में आतंकवादियों के काम करने के नये तौर-तरीकों के प्रति आगाह करते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आपका मोबाइल फोन आपके हाथ में हो सकता है लेकिन कोई अन्य शख्स, संभवत: कोई आतंकवादी या उसका हमदर्द आपके फोन के ‘हॉटस्पॉट’ सुविधा का लाभ उठा रहा हो ऐसा संभव है. आतंकवादियों और जमीनी स्तर पर काम कर रहे उनके गुर्गों के सुरक्षा रडार से बचने के लिए नए-नए तौर-तरीके पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने कहा कि सिम कार्ड का गलत उपयोग या किसी आतंकवादी को ‘हॉटस्पॉट’ के जरिये इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने से उस कार्ड के धारक को जांच और गिरफ्तारी तक का सामना करना पड़ सकता है.
पुलिस ने आगे कहा,'' अगर कोई संदिग्ध पकड़ा जाता है तो सिम कार्ड के उपयोगकर्ता इस तथ्य की आड़ में बच नहीं सकते हैं. कि वे खुद आतंकवाद में लिप्त नहीं हैं और उनके सिम कार्ड का आतंकवादियों ने सीधे तौर पर इस्तेमाल नहीं किया है. किसी के सिम कार्ड को ‘हॉटस्पॉट’ के माध्यम से इस्तेमाल होने देना पुलिस के अनुसार प्रत्यक्ष जवाबदेही की बात है.''
बता दें कि आतंकवाद के नेटवर्क के मामले में गहराई से जांच के दौरान गतिविधियों को अंजाम देने का यह अपेक्षाकृत नया तरीका सामने आया है. इसी सिलसिले में पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में खुफिया जानकारी के आधार पर, मुख्तार अहमद कुमार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया था और उसे आगरा की एक जेल में भेज दिया गया था.
अधिकारियों का कहना है कि उसने अपने नाम पर एक सिम कार्ड लिया और उसे श्रीनगर में अपनी मंगेतर को मोबाइल फोन के साथ दे दिया. फिर जांच में पता चला कि सिम कार्ड और मोबाइल का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा ने एक आतंकवादी हमले की साजिश रचने में किया. हालांकि कुमार की मंगेतर ने किसी को फोन देने की बात से इनकार किया, लेकिन उसने माना कि एक दूसरी महिला हॉटस्पॉट से उसके डेटा का इस्तेमाल कर रही थी लेकिन वह दूसरी महिला अब फरार है.
अधिकारियों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को आतंकी नेटवर्क में कुमार की भूमिका का पता चला जिसके बाद उसे पकड़ा गया, उन्होंने आरोप लगाया कि उसके एक आतंकवादी संगठन से तार जुड़े हैं. अधिकारियों का कहना है कि सिम कार्ड इसका सबूत है.
कई लोगों को नहीं पता कि अपने मोबाइल हॉटस्पॉट का किसी अन्य द्वारा इस्तेमाल होने से रोकने के लिए किस तरह पासवर्ड बनाया जाता है. इसके कारण उनके सिम कार्डों के दुरुपयोग की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे में पुलिस लोगों के मोबाइल फोन सुरक्षित बनाने में मदद के लिए उन तक पहुंच रही है. अधिकारी ने यह भी कहा कि पासवर्ड का उपयोग करने के महत्व को लेकर खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान शुरू किये गये हैं.
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