श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने गंदेरबल में बीजेपी नेता गुलाम कादिर पर हुए हमले के केस को सुलझाने का दावा किया है. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद की हैं. पकड़े गए दो आरोपी प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर एटीएम पर काम कर रहे थे. तीनों का दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के साथ संपर्क था और इन्हें गंदेरबल और आस पास के इलाकों में राजनेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या का काम सौंपा गया था.
गंदेरबल के एसएसपी खलील पोसवाल के अनुसार मामले की जांच के दौरान पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले थे. इनके आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों से पूछताछ शुरू कर दी थी. जांच के दौरान गंदेरबल के अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने वाले कैसर अहमद लोन का नाम सामने आया.
कैसर को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर पता चला कि वह हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य था और इस हमले में उसकी अहम भूमिका रही थी. कैसर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक चाइनीज पिस्टल और कुछ गोला बारूद भी बरामद किए. जानकारी के आधार पर दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया जो सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम कर रहे थे.
पुलिस ने इन लोगों की पहचान हिलाल अहमद मीर और आसिफ अहमद मीर के तौर पर की है जो श्रीनगर के दो बड़े अस्पतालों में एटीएम पर सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने के साथ-साथ आतंकी संगठनों के लिए भी काम कर रहे थे. इनके कब्ज़े से पुलिस ने एक पिस्टल-मैगजीन, गोलियां और पाकिस्तानी झंडे भी बरामद किए.
बीजेपी नेता गुलाम कादिर पर 6 अक्टूबर को गंदेरबल के नुनर इलाके में हमला हुआ था. जवाबी करवाई में बीजेपी नेता के पीएसओ मोहमम्द अल्ताफ ने एक आतंकी को मार गिराया था. इस दौरान अल्ताफ शहीद हो गए थे. मारे गए आतंकी की पहचान तराल के रहने वाले हिजबुल आतंकी शबीर अहमद शाह के तौर पर हुई थी.
पुलिस के अनुसार अभी यह साफ़ नहीं है कि इस तरह के कितने मॉड्यूल काम कर रहे हैं जिनके जिम्मे राजनितिक हत्याओं का काम सौंपा गया है. आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गिरफ्तारियों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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