Target Killing: जम्मू-कश्मीर में नहीं रुक रहा टारगेट किलिंग, 5 साल में इतने बाहरी मजदूरों पर हुआ आतंकी हमला
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकी कई मजदूरों को भी निशाना बना रहे हैं. इसी साल जुलाई में भारत सरकार ने बताया था कि घाटी में पांच साल में कितने मजदूरों की हत्या की गई.
Migrant Workers Killed in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) के खरपोरा रत्नीपोरा में शनिवार को आतंकियों (Terrorists) ने दो मजदूरों (Laborers) को गोली मार दी. दोनों मजदूर मूल रूप से बिहार (Bihar) के बेतिया के रहने वाले हैं और उनकी पहचान शमशाद और फैजान कासरी के रूप में हुई. घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई लेकिन यह सवाल फिर मौंजू हो गया कि आखिर कब तक टारगेट किलिंग होती रहेगी?
इस साल जनवरी से लेकर अब तक आतंकियों ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों को टारगेट कर हत्या कर दी. जनवरी से लेकर अगस्त तक के आंकड़ों में 27 लोगों की हत्याएं की गईं. मारे गए लोगों में कश्मीरी पंडित, सुरक्षाकर्मी और बाहरी मजदूर थे. टारगेट किलिंग के खिलाफ पिछले दिनों घाटी में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन भी किया था और सरकार से उन्हें कहीं सुरक्षित जगह बसाने की मांग की थी.
पांच सालों में इतने मजदूरों की हत्या
इसी साल 26 जुलाई को भारत सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि जनवरी 2017 से अब तक जम्मू-कश्मीर में 28 मजदूरों की हत्या कर दी गई. मारे गए 28 मजदूरों में से सात बिहार से, दो महाराष्ट्र से और एक झारखंड से था. एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी.
उन्होंने यह भी बताया था कि 2018 से 2021 के बीच घाटी में आतंकी वारदातों में कमी आई. 2018 में जहां 417 आतंकी वारदातें दर्ज की गई थीं, वहीं 2021 में यह संख्या 229 रही. उन्होंने कहा था कि जो कुछ टारगेट किलिंग की वारदातों में अल्पसंख्यकों और बाहरी मजदूरों पर हमले हुए, वे सीमा पार से प्रायोजित थे.
पिछले कुछ दिनों में टारगेट किलिंग
आतंकियों ने बीते कुछ दिनों में गैर-कश्मीरी लोगों और कश्मीरी पंडितों को लक्षित कर कई हमले किए हैं. 16 अगस्त को शोपियां के एक सेब के बागान में काम कर रहे दो कश्मीरी पंडित भाइयों को आतंकियों ने निशाना बनाया. आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसा दीं. इस आतंकी वारदात में एक शख्स की मौत हो गई जबकि दूसरे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
11-12 अगस्त की दरमियानी रात बांदीपोरा में बिहार के एक मजदूर को आतंकियों ने गोली मार दी. बांदीपोरा जिले के सोदनारा संबल इलाके में बिहारी मजदूर मोहम्मद अमरेज को आतंकियों गोली मारी थी. अमरेज को जख्मी हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. 2 जून को कुलगाम में एक बैंक मैनेजर पर हमला किया गया. 31 मई को कुलगाम में कश्मीरी हिंदू महिला टीचर रंजनीबाला की गोली मारकर हत्या की गई.
12 मई को राजस्व विभाग में काम करने वाले राहुल भट्ट को आतंकियों ने उनके दफ्तर में घुसकर गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गए थी. राहुल की हत्या को लेकर कश्मीरों पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया था. मई में ही बडगाम जिले के हिशरू इलाके में टीवी एक्ट्रेस अमरीन बट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके दस वर्षीय भतीजे फरहान जुबैर को भी आतंकियों ने बुरी तरह घायल कर दिया था. इनमें राहुल भट्ट की हत्या का आरोपी लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी लतीफ राथर पिछले दिनों सुरक्षबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.
ये भी पढ़ें