आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन टीआरएफ ने किया खुलासा है कि श्रीनगर के रामबाग में 24 नवंबर को मुठभेड़ के दौरान घायल आतंकवादी बासित अहमद डार की मौत हो गई है. बासित अहमद डार कुख्यात आतंकवादी मेहरान का खासम खास था. मेहरान और उसके ग्रुप को श्रीनगर में गैर मुस्लिमों की हत्या का आरोपी माना जाता है. टीआरएफ ने यह खुलासा भी किया है कि मेहरान और बासित अहमद गाजी फोर्स के सदस्य थे.


केंद्रीय सुरक्षा बलों ने एक सूचना के आधार पर बीते 24 नवंबर को श्रीनगर के रामबाग इलाके में आतंकवादियों से मुठभेड़ की थी. इस मुठभेड़ के दौरान कुख्यात आतंकवादी मेहरान समेत उसके दो साथी मारे गए थे. इस मामले में सुरक्षाबलों को जांच के दौरान यह भी पता चला कि मेहरान श्रीनगर में गैर मुस्लिमों की हत्या में शामिल था. मेहरान और उसका ग्रुप लगातार गैर मुस्लिमों की हत्याओं को अंजाम दे रहे थे.


इसके बाद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथी संगठन टीआरएफ ने दावा किया कि इस मुठभेड़ के दौरान बासित अहमद नाम का आतंकी बुरी तरह से घायल हो गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई. बासित को खुद आतंकवादी संगठन ने मेहरान का खासम खास बताया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक मेहरान और बासित इसी साल आतंकवादी संगठन में शामिल हुए थे. इनमें मेहरान के संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर के बड़े कमांडरों से जुड़ गए थे. 


आईएसआई और लश्कर के निर्देश पर मेहरान अपने ग्रुप के साथ श्रीनगर और आसपास के इलाकों में गैर मुस्लिमों की हत्या करने लगा था. अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक मेहरान और उसके ग्रुप ने श्रीनगर में केमिस्ट  की दुकान चलाने वाले माखनलाल बिंदरू, स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान, श्रीनगर के एक स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद के अलावा एक मेडिकल स्टोर पर भी एक शख्स की हत्या की थी. साथ ही बिहार के मजदूरों की हत्या में भी इस ग्रुप के लोग शामिल बताए जाते हैं.


 खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर के सहयोगी ग्रुप टीआरएफ ने जो खुद खुलासा किया है उसके मुताबिक मेहरान और बासित गाजी फोर्स के सदस्य थे .यानी यह लोग स्वयं को यूरोप की तर्ज पर स्वयं को अन्याय से लड़ने वाले जिस गुट की तर्ज पर काम करना बताते थे वह पूरी तरह से निराधार है. 


क्योंकि इन लोगों ने खुद ही यह स्वीकार किया है कि यही टीआरएफ के अंदर गाजी फोर्स भी है यानी पूरी तरह से यह संगठन पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों का ही हिस्सा है और आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के इशारे पर काम कर रहा है. टीआरएफ द्वारा किए गए दावे के आधार पर सुरक्षाबलों ने अपनी जांच शुरू कर दी है और इस ग्रुप के अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.


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