नई दिल्ली: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने पेश नहीं होंगे. बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि उनकी पोती की शादी है और इस सिलसिले में वह सात फरवरी तक पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्हाट्सऐप पर नोटिस मिला है. एजेंसी की ओर से उन्हें तलब किए जाने से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है.


दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है.


केंद्र सरकार पर लगाया आरोप


एनआईए के समन के मुताबिक, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है. हालांकि आज वो एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे. सिरसा ने कहा कि उनकी पोती की शादी के कारण सात फरवरी से पहले उनका एजेंसी के सामने पेश होना मुश्किल है. वहीं सिरसा ने केंद्र सरकार पर विभिन्न तरीकों को अपनाकर किसानों के विरोध प्रदर्शन को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.


उन्होंने कहा, 'पहले सरकार ने लोगों और राजनेताओं के माध्यम से और फिर सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से हम किसानों पर दबाव बनाने की कोशिश की. अब वह एनआईए का उपयोग कर रहे हैं. सिरसा ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को पूरी तरह से नष्ट करना चाहती है.


सिरसा ने कहा कि आंदोलन से जुड़े कई लोगों को एनआईए समन मिला है. उन्होंने कहा, 'सरकार किसानों के लिए काम करने वालों को भयभीत करने की कोशिश कर रही है. हम इस तरह की रणनीति से डरने और झुकने वाले नहीं हैं. सरकार विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने पर तुली हुई है.'


बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे हैं. एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि मामले के कुछ विवरणों का पता लगाने के लिए उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया है.


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