आतंकी, आतंकी है, नाम उजागर कर दुश्मन को महिमा-मंडन नहीं करने देंगे: सेना
दक्षिण कश्मीर में पिछले 24 घंटे में दो बड़े ऑपरेशन हुए. दोनों ही सेना, जम्मू कश्मीर और सीआरपीएफ के साझा ऑपरेशन थे. पहला ऑपरेशन अवंतीपुरा के बेगपोरा में हुआ. बीती शाम से चल रहे इस ऑपरेशन में हिजबुल का टॉप कमांडर रियाज़ नाईकू मारा गया.
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नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में बुधवार को सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज़ नाईकू को मारकर एक बड़ी कामयाबी हासिल की, लेकिन भारतीय सेना ने उसका नाम उजागर ना करते हुए ये कह दिया कि आतंकी, आतंकी होता है उसका नाम उजागर कर दुश्मन को एक आतंकी की महिमा-मंडन का मौका नहीं देना चाहते. सेना ने कहा कि असली हीरो वे सुरक्षाबल हैं, जिन्होनें पिछले 24 घंटे में चार आतंकियों को ढेर किया है.
आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर में पिछले 24 घंटे में दो बड़े ऑपरेशन हुए. दोनों ही सेना, जम्मू कश्मीर और सीआरपीएफ के साझा ऑपरेशन थे. पहला ऑपरेशन अवंतीपुरा के बेगपोरा में हुआ. बीती शाम से चल रहे इस ऑपरेशन में हिजबुल का टॉप कमांडर रियाज़ नाईकू मारा गया. नाईकू ए++ कैटेगरी का आतंकी था और उसपर 12 लाख का इनाम था. उसके साथ एक और आतंकी इस मुठभेड़ में ढेर हुआ. लेकिन उसके नाम को लेकर बुधवार तक सस्पेंस जारी रहा. आखिरकार पुलिस और सीआरपीएफ ने रियाज़ नाईकू के नाम को उजागर कर दिया.
बुधवार को दक्षिण कश्मीर में एक और एनकाउंटर हुआ. ये मुठभेड़ पुलवामा के खिरू में हुई और इसमें भी दो आतंकी मारे गए. लेकिन भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद ने एक संक्षिप्त बयान जारी कहा, "कश्मीर में 24 घंटे में 4 आतंकियों का सफाया किया गया है. आतंकियों से लड़ने वाले सुरक्षाबलों के लोग असली हीरो हैं. आतंकी सिर्फ आतंकी होता है, उसके नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम आतंकियों का नाम कंफर्म नहीं कर रहे हैं. हम देश के दुश्मनों को आतंकियों के गुणगान करने का मौका नहीं देना चाहते."
दरअसल, सेना रियाज़ नाईकू का नाम उजागर कर पाकिस्तान को कश्मीर घाटी में हीरो की तरह पेश नहीं करने देना चाहती. बुरहान वानी की घटना से सेना ने सीख ले ली और नहीं चाहती कि पाकिस्तान को एक और आतंकी की महिमा-गान का मौका मिले.
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान कश्मीर घाटी में छाई शांति से छटपटा रहा है और किसी भी तरह शांति भंग करना चाहता है. इसके लिए कश्मीरी अवाम की भावनाओं को भड़काना चाहता है. क्योंकि रियाज़ नाईकू स्थानीय आतंकी है और दक्षिण कश्मीर में अलगाववादियों के बीच खासा चर्चित था. नाईकू को सेना ने उसी की गांव में ढेर किया जब वो एक खास मीटिंग के लिए मंगलवार की शाम वहां पहुंचा था, लेकिन सुरक्षाबलों को भनक लग गई और घेराबंदी कर उसे साथी के साथ ढेर कर दिया.
साथ ही सेना का मुख्य निशाना पाकिस्तानी आतंकियों का वो ग्रुप है जो उत्तरी कश्मीर में सक्रिय है. माना जा रहा है कि रविवार को हंदवारा की जिस मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद सहित कुल पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए, वो पाकिस्तान से घुसपैठ कर कश्मीर में घुसे आतंकियों की करतूत थी. एक परिवार को आतंकियों की चंगुल से बचाने में कर्नल आशुतोष ने अपने साथियों के साथ सर्वोच्च बलिदान दे दिया. हालांकि इस मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी मूल के आतंकी हैदर सहित दो आतंकी ढेर हो गए थे, लेकिन माना जा रहा है कि उनके बाकी साथी बारिश और अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए थे.
माना जा रहा है कि आतंकियों के इस ग्रुप ने ही सोमवार को हंदवारा के करीब ही सीआरपीएफ के एक दल पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान मारे गए थे.
एलओसी पर बर्फ कम होने से पाकिस्तान की तरफ से आतंकी घुसपैठ भी तेज होने की आशंका है. क्योंकि एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ लॉन्च पैड्स पर आतंकी घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं. पाकिस्तानी सेना भी युद्धविराम के उल्लंघन की आड़ में इन आतंकियों को घुसपैठ के जरिए कश्मीर घाटी में धकेलना चाहती है.
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