नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंक मसूद अजहर आखिरी बार पाकिस्तान के मुल्तान में दिखा था और यहां उसने रैली की थी. चिनाब नदी के किनारे बसे इस शहर को पहले सिटी ऑफ सेंट्स यानि संतों का शहर कहा जाता था, लेकिन अब यहां राक्षसों यानी आतंकियों का राज है. मुल्तान पाकिस्तान का सातवां सबसे बड़ा शहर. यहां से मसूद अजहर का ठिकाना बहावलपुर सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है.
आतंक की प्रयोगशाला के तौर पर होता है मुल्तान का इस्तेमाल
मुल्तान से मसूद अजहर का गहरा नाता रहा है. यहां उसका मदरसा भी है, जहां नौजवानों को आतंकी तालीम दी जाती है. कहा जाता है कि मुल्तान में मसूद का सिक्का चलता है. सिर्फ मसूद अजहर ही नहीं यहां मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी आए दिन रैलियां करता है. हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंक के आकाओं ने मुल्तान को आतंक की प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल किया.
26/11 के दो आतंकी मुल्तान के ही रहने वाले थे
गौरतलब है कि 26/11 को मुंबई में हमला करने आए 10 आतंकियों में से 2 आतंकी पाकिस्तान के मुल्तान के ही रहने वाले थे. 10 आतंकियों में से हाफिज अरशद और बाबर इमरान नाम के दो आतंकी मुंबई के हमलावारों में शामिल थे, जिन्हें उस वक्त ही मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था. दोनों का घर मुल्तान में था और दोनों की शुरुआती ट्रेनिंग भी मुल्तान में ही हुई थी. मुल्तान में आतंकी फलते-फुलते हैं. घाटी में एक वक्त आतंक का पर्याय बना नवीद जट्ट भी इसी मुल्तान का रहने वाला था. नवीद वही आतंकी है जो श्रीनगर के अस्पताल से भाग गया था और बाद में सेना ने उसका एनकांटर कर दिया. मुल्तान से ही वो कश्मीर घाटी आया था.
मसूद अजहर मुल्तान से लड़कों को उठाता है और कट्टर तालीम देकर आतंकी बना देता है लेकिन पुलवामा हमले के बाद वो मुल्तान नहीं आया. मसूद अजहर अपनी जान बचाने के लिए शहर-शहर मारा-मारा फिर रहा है. पहले वो बहावलपुर के इस घर में रहता था, लेकिन अब यहां पाकिस्तानी पुलिस का पहरा है. पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी सेना उसे रावलपिंडी ले गई. जहां इलाज के बहाने अस्पताल में उसे छिपा कर रखा गया.
पाकिस्तान की सेना मसूद अजहर को रावलपिंडी में ही छिपा रखा है- सूत्र
दावा तो ये भी किया जाता है कि वो एयर स्ट्राइक से पहले बालाकोट के ट्रेनिंग सेंटर पर भी देखा गया था. अब मसूद अजहर कहां है इसका ठीक-ठीक अनुमान किसी को नहीं है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान की सेना ने अब भी मसूद अजहर को रावलपिंडी में ही छिपा रखा है.
आपको बता दें कि मुल्तान पहले से ऐसा नहीं था. मुल्तान आज भले ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है लेकिन ये शहर हिंदू मान्यताओं के लिहाज से काफी अहम रहा है. पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से हिंदुओं के प्रमुख त्योहार होली की शुरुआत इसी मुल्तान शहर से हुई थी. आज भी यहां मौजूद हिंदू परिवार के लोग होली का त्योहार बहुत धूम-धाम से मनाते हैं.
कश्यपपुरा था मुल्तान का नाम
हिंदू मान्यता के हिसाब से मुल्तान का पुराना नाम कश्यपपुरा था. कश्यपपुरा नाम सूर्य देवता के पिता कश्यप के नाम पर रखा गया था. लेकिन अब हिंदू आबादी मुल्तान में ना के बराबर बची है. मंदिरों को खंडहरों में तब्दील कर दिया गया है. जो बचे हुए मंदिर हैं, उन्हें आए दिन तोड़ा जाता है. जिसका विरोध वहां हिंदू करते आए हैं.
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