पहले फेंका ग्रेनेड, फिर 12 मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग... शहीद हुए 5 जवान, कठुआ आतंकी हमले की Inside Story
Kathua Terror Attack Inside Story: आतंकी एक पहाड़ी पर छिपे थे. जैसे ही सेना का वाहन गुजरा आतंकियों ने उस पर ग्रेनेड फेंक दिया. जब तक जवान कुछ समझ पाते आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी.
जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला कर दिया. इस आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए, जबकि 5 जवान घायल हुए हैं. पिछले 1 महीने में यह जम्मू संभाग में हुआ छठवां बड़ा हमला है, जबकि कठुआ जिले में एक महीने में ये दूसरा बड़ा आतंकी हमला है.
बताया जा रहा है कि हमला बिलावर के मचेडी-किंडली-मल्हार सड़क पर हुआ. यहां सुरक्षाबलों के 10 जवान सेना के वाहन से बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर नियमित गश्त पर जा रहे थे. आतंकियों ने मल्हार सड़क से सटी एक पहाड़ी पर पोजीशन ले रखी थी. जैसे ही सैन्य वाहन गुजरा आतंकियों ने घात लगाकर पहले ग्रेनेड फेंका और उसके बाद आधुनिक हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी.
स्थानीय गाइड ने की मदद
- सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हमले में करीब 3 आतंकी शामिल थे. इतना ही नहीं हमले के दौरान आतंकियों के साथ स्थानीय गाइड के भी साथ होने की आशंका जताई जा रही है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है. संगठन का कहना है कि उसके कैडर ने इस हमले में एम4 असॉल्ट राइफल, स्नाइपर, ग्रेनेड और दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया है.
- आतंकी संगठन ने आने वाले दिनों में इस तरह के और हमले करने की कसम खाई है. संगठन का कहना है कि यह हमला 26 जून को डोडा में 3 आतंकियों की हत्या का बदला है. कश्मीर टाइगर्स जैश ए मोहम्मद से ही जुड़ा आतंकी संगठन है. इससे पहले इस संगठन ने जम्मू क्षेत्र में कठुआ,रियासी और डोडा में भी हमले को अंजाम दिया था.
रियासी में बस पर की थी फायरिंग
आतंकियों ने 9 जून को रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ला रही एक बस पर हमला किया था. आतंकियों की फायरिंग के बाद बस खाई में गिर गई थी. इसमें 9 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 41 लोग घायल हुए थे.
आतंकियों की तलाश शुरू
इस हमले को अंजाम देने के बाद आतंकी जंगल में भाग गए. उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. आतंकियों को खोजने के लिए सुरक्षाबलों की और टुकड़ियां भेजी गई हैं. कठुआ जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा हमला है. इससे पहले 12 और 13 जून को इसी तरह की एक मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे और सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था.