जम्मू-कश्मीर: ये बात जगजाहिर है कि आतंकियों का लोकतंत्र में रत्तीभर भरोसा नहीं है. आतंकी जम्मू कश्मीर में होने जा रहे पंचायत चुनाव का विरोध कर रहे हैं. चुनाव को किसी भी सूरत में रोकने के लिए आतंकियों ने अब पंचायत घर जला रहे हैं. चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक 10 पंचायती घरों को फूंका गया है. इतना ही नहीं आतंकी जम्मू कश्मीर पुलिस में तैनात एसपीओ को नौकरी छोड़ने की धमकी भी दे रहे हैं.


चार दिन पहले ही आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक आॉडियो क्लिप जारी कर एसपीओ को इस्तीफा देने की धमकी दी थी. धमकी में कहा गया था कि सभी एसपीओ अपने इस्तीफे का एलान स्थानीय मस्जद से जाकर करें. बात ना मानने पर नतीजा भुगतने की चेतावनी दी गई थी.


9 चरणों में होने हैं चुनाव, BJP-कांग्रेस छोड़ सभी ने किया विरोध
रविवार को ही चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा की. चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव नौ चरणों में कराए जाएंगे. पूरी चुनावी प्रक्रिया 17 नवम्बर से 17 दिसम्बर तक पूरी करनी है. वोटिंग नौ चरणों में 17 नवंबर, 20 नवंबर, 24 नवंबर, 27 नवंबर, 29 नवंबर, 1 दिसंबर, 4 दिसंबर, 8 दिसंबर और 11 दिसंबर को होगी. वोटों की गिनती आखिरी दिन यानी 11 दिसंबर को होगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी चुनावों का बहिस्कार किया है. इसके समर्थन में कई अन्य दल भी आ चुके हैं. बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ दें तो अभी तक कोई बड़ा दल चुनाव में नहीं है.


आतंकियों ने तीन पुलिस कर्मियों की हत्या की
दक्षिण कश्मीर में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफीसर) की अगवा कर हत्या कर दी है. आतंकियों ने सिर्फ एक पुलिस कॉन्सटेबल के भाई को रिहा किया है. आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के 10 पुलिसवालों के घर को निशाना बनाया था और तीन पुलिसवालों को अगवा कर ले गए थे, आज उनके शव बरामद हुए. जिन पुलिसवालों की हत्या हुई है, उनके नाम फिरदौस अहमद, कुलदीप सिंह और निशान अहमद है.


6 पुलिसवालों ने किया नौकरी छोड़ने का एलान
आतंकी जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों में डर बिठाने के लिए उनकी अगवा कर हत्या कर रहे हैं. आतंकियों का ये गेम प्लान काफी हद तक कामयाब भी रहो हा है. तीन पुलिसवालों की हत्या के बाद अब तक तीन पुलिसवालों ने जम्मू कश्मीर पुलिस से इस्तीफा दे दिया है. जम्मू कश्मीर के SPO तजामुल हुसैन लोन ने वीडियो जारी कर जम्मू कश्मीर पुलिस की नौकरी छोड़ने की पेशकश कर दी है. इसी तरह इरशाद बाबा और शबीर अहमद ने भी SPO की पद से इस्तीफा दे दिया है.


अपहरण कर हत्या की यह पहली घटना नहीं
बता दें इससे पहले भी आतंकी पुलिस वालों और सेना के जवानों को अगवा कर चुके हैं. हाल ही में पुलिस आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर में ही पुलिसकर्मियों के नौ परिजनों को अगवा को अगवा कर लिया था. बाद में इन्हें छुड़वा लिया गया था.


बता दें पिछले साल मई महीने में आतंकियों ने सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर हत्या कर दी थी. 22 साल के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज छुट्टी में शादी में शरीक होने अपने घर आए थे. इस साल जून महीने में सेना के जवान औरंगजेब की भी अपहरण कर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने औरंगजेब के साथ बदसलूकी का वीडियो भी जारी किया था.