मुंबई: ठाणे कोर्ट ने एटीएस को मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच को रोकने के आदेश दिए हैं. एनआईए ने कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के ऑर्डर के बाद भी अब तक एटीएस ने एनआईए को मामले से जुड़े दस्तावेज नहीं दिए हैं. जिसके बाद आज ठाणे कोर्ट ने यह आदेश दिया. कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को कहा कि वो जल्द से जल्द सारे दस्तावेज एनआईए को उपलब्ध कराए.


मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच एनआईए को दी जाए इसको लेकर 20 मार्च को गृहमंत्रालय ने ऑर्डर भी आ गया था. इसके बाद भी जरूरी दस्तावेज एटीएस एनआईए को हैंडओवर नहीं कर रही है. एनआईए का ये आरोप भी सामने आया था कि एटीएस कोऑपरेट नहीं कर रही है.


अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है?


इस मामले की जांच अब तक महाराष्ट्र एटीएस कर रही है. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंद और एक बुकी नरेध धारे को हाल ही में एटीएस ने गिरफ्तार किया था. इन दोनों को 20 मार्च को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और बाद में एटीएस मुख्यालय में ही गिरफ्तार कर लिया गया.


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिरेन मामले की जांच 20 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी. हालांकि एटीएस ने अपनी जांच जारी रखी और दो दिन पहले इस मामले को सुलझाने का दावा किया. केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि एनआईए ने ठाणे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से एटीएस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह मामले को सौंप दे. मजिस्ट्रेट ने दोनों एजेंसियों की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि एटीएस का जांच अधिकारी जांच पर आगे नहीं बढ़ेगा और बिना किसी देरी के सभी संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड एनआईए को सौंप देगा.


एनआईए पहले ही विस्फोटक वाले एसयूवी की बरामदगी से संबंधित मामले की जांच कर रहा है और सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है. मनसुख हिरेन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि सचिन वाजे कुछ समय से उसी एसयूवी का उपयोग कर रहे थे और उनके पति की मृत्यु में उसकी भूमिका है. इस सप्ताह की शुरुआत में एटीएस ने दावा किया था कि हिरेन हत्याकांड में मनसुख वाजे प्रमुख आरोपी है और गुरुवार को एनआईए की रिमांड समाप्त होने के बाद वह उसकी हिरासत की मांग करेगा.


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