Agnipath Scheme Protest: सेना में भर्ती के नियम में हुए बदलाव को लेकर देश भर के युवाओं में रोष है. एक तरफ जहां प्रदर्शन कर रहे युवाओं की मांग है कि केंद्र सरकार इस योजना के वापस ले. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister Dharmendra Pradhan) ने इस योजना को देश, सेना और युवाओं के लिए फायदेमंद बताया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लाने से पहले शिक्षा विभाग से भी विमर्श किया गया था. वर्तमान में सेना में जाने वाले 10वीं पास करने के बाद जाते हैं. कुछ युवा 12वीं तो कुछ ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद सना में भर्ती होते हैं. लेकिन नई योजना के तहत जो युवा दसवीं पास करके सेना में भर्ती होंगे, उन अग्निवीरों को चार साल बाद 12वीं का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि आज की शिक्षा नीति में काम के अनुभव को भी पढ़ाई की प्रक्रिया मानी जाती है. तो जो वीर 12वीं पास कर सेना में भर्ती होंगे उन्हें IGNOU एक नए फ्रेम बर्क में परीक्षा देने का मौका देगी. अगर अग्निवीर उस एक्जाम में पास होते हैं तो वह ग्रेजुएशन की डिग्री भी पा सकते हैं. वहीं ग्रेजुएशन करके आ रहे अग्निवीर उसी चार साल के अंदर MBA की सर्टिफिकेट पा सकेंगे.
योजना के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन जारी
एक तरफ जहां इस योजना के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तीनों सेनाओं की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर 19 जून की शाम एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Army Joint Press Conference) की गई. जिसमें इस योजना के फायदों के बारे में बताया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि दिसंबर में 25 हजार अग्निवीरों (Agniveer) का पहला बैच थलसेना में शामिल हो जाएगा. एयर मार्शल झा ने बताया कि पांच दिन बाद यानी 24 जून को वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. इसके ठीक एक महीने बाद यानी 24 जुलाई को ऑनलाइन एग्जाम (Online Exam) आयोजित किया जाएगा. एयर मार्शल झा के मुताबिक, दिसंबर के महीने में अग्निवीरों का पहला बैच वायुसेना में शामिल हो जाएगा और 30 दिसंबर से अग्निवीरों की ट्रेनिंग भी शुरु हो जाएगी.
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