देश एक बार फिर खतरनाक कोरोना वायरस संक्रमण की लहर से गुजर रहा है. महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि वहां की राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है. कोरोना के हालात और 11 राज्यों में संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए शुक्रवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के सचिवों, डीजीपी और स्वास्थ्य सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की.
भारत सरकार की ओर से कहा गया कि देश के ऐसे 11 राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश हैं जहां पर पिछले साल आए कोरोना के रिकॉर्ड मामलों को या तो वे पार कर चुके हैं या उसके बेहद करीब पहुंच गए हैं. सरकार की तरफ से उन्हें यह सलाह दी गई है कि वे एक्टिव मामलों को लेकर कंटेनमेंट और रोजाना की मौतों पर फौरन और प्रभावी कदम उठाएं.
11 राज्यों में कोरोना के 90 फीसदी मामले
केन्द्र ने कोरोना संक्रमण के रोजाना आ रहे नए मामलों और मौत की भारी संख्या को देखते हुए 11 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को गंभीर ‘चिंता के राज्य’ की कैटगरी में रखा है. इन राज्यों में पिछले 14 दिनों के दौरान ( 31 मार्च तक) कोविड-19 के कुल मामलों में 90 फीसदी योगदान है जबकि मौतों के आंकड़ों में 90.5 फीसदी इन्हीं राज्यों से है.
केन्द्र सरकार ने कहा कि पिछले दो हफ्तों के दौरान कोविड-19 के मामलों और मौत की संख्या में भारी इजाफे के बाद कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने 11 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को ध्यान में रखकर सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, डीजीपी और स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की.
बेकाबू कोरोना पर कैबिनेट सचिव ने की उच्च स्तरीय बैठक
केन्द्र ने कहा कि कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिवों से यह आह्वान किया कि वे कोविड-19 के हाल के दिनों में हुई भारी बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए राज्य प्रशासन को प्रेरित करे ताकि वे सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर पाए.
इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के 3594 नए मामले आए हैं जबकि 14 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के मामले तेजी का साथ बढ़े हैं लेकिन वे फिलहाल लॉकडाउन लगाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. केजरीवाल ने यहा कि कोरोना की यह चौती लहर है. उन्होंने कहा कि हम हरसंभव कदम उठा रहा है और चिंता की कोई बात नहीं है.
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