मुंबई की एक विशेष अदालत ने 80 साल से ज्यादा उम्र के एक दंपति को पड़ोस में रहने वाली 4 वर्षीय ब्च्ची के यौन उत्पीड़ने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. ये मामला साल 2013 का है. बता दें कि न्यायाधीश रेखा एन पंधारे ने बुजुर्ग दंपति लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO)के तहत सजा सुनाई है.


बुजुर्ग दंपति को दादा-दादी कहती थी बच्ची


पुलिस को दिए बयान में बच्ची ने कहा था कि वह बुजुर्ग दंपति को दादा-दादी कहती थी. 4 सिंतबर 2013 को वह अपने स्कूल से आकर खाना खाने के बाद टीवी पर कार्टून देख रही थी. दोपहर में वह बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर अपने एक दोस्त के साथ खेलने चली गई. लेकिन उसकी दोस्त सो रही थी. इसलिए वह घर वापस लौटने लगी तभी दादा-दादी ने उसे अपने घर बुला लिया.


बुजुर्ग दंपति ने घर बुलाकर बच्ची का किया था यौन शोषण


इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, बच्ची ने बताया कि जब वह 87 वर्षीय दादा के पास गई तो वे उसे अपने साथ घर ले गए. बच्ची जब वापस जाने की जिद करने लगी तो बुजुर्ग ने उसे थप्पड़ भी मारा. चार साल की बच्ची का आरोप था कि इसके बाद बुजुर्ग महिला ने उसे कसकर पकड़ लिया और उसके पति ने मासूम के कपड़े उतार दिए. इसके बाद दोनों ने बच्ची का यौन शोषण किया.


परिजनों की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया बुजुर्ग दंपति


बच्ची के मुताबिक वह किसी तरह कपड़े पहनकर घर भागी. बच्ची की मां ने भी अपने बयान में बताया था कि उसी दिन रात के 10 बजे जब वह अपनी बेटी को सुला रही थी तो उसने सारी बात बताई. जिसके बाद महिला ने बेटी के प्राइवेट पार्ट चेक किए तो उन्हें कुछ ठीक नहीं लगा. इसके बाद ही मासूम के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की थी. शिकायत के अगले दिन ही बजुर्ग दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था.


ये भी पढ़ें


दो से अधिक बच्चे होने पर नहीं लड़ पाएंगे बिहार पंचायत चुनाव ! जानें- आयोग की तरफ से जारी महत्वपूर्ण मानक


Coronavirus Punjab: पंजाब में तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण, 1309 नए मामले दर्ज, पटियाला-लुधियाना में लगा नाइट कर्फ्यू