नई दिल्लीः कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है. देश भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली में 38 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और हर गुजरते दिन के साथ यह संख्या बढ़ती जा रही है.


दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के बाहर भीड़ आए दिन दिख रही है. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में लाखों का खर्च लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है. लिहाज़ा मोहल्ला क्लीनिक अस्पतालों पर पड़ने वाले बोझ को कुछ कम करते नजर आ रहे हैं.


एबीपी न्यूज ने अपनी पड़ताल में जानना चाहा कि आखिर मोहल्ला क्लीनिक से दिल्लीवासियों को कहां तक राहत है?  अपनी पड़ताल के लिए सबसे पहले हमारी टीम तिलक नगर पहुंची. एबीपी न्यूज़ ने विकासपुरी और प्रीत विहार स्थित मोहल्ला क्लिनिक का जायज़ा भी लिया. सभी जगहों पर क्लीनिक के बाहर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कई मरीज़ कतार में लगे हुए दिखे. क्लिनिक के अंदर बैठने कि व्यवस्था को फिलहाल बंद किया गया है. लिहाज़ा विंडो के जरिए डॉक्टर्स मरीजों से दवाई की पर्ची लेते हैं और दूसरी विंडो के जरिए दवाई सौंप दी जाती है.


डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार मरीजों का तापमान थर्मल स्कैन किया जाता है. बुखार होने की स्तिथि में यह जाना जाता है कि कहीं उन्हें कोरोनावायरस के लक्षण तो नहीं. लक्षण होने पर टेस्ट कराने के लिए भेजा जाता है.


क्लिनिक में मौजूद डॉक्टर और बाकी स्टाफ जरूरी एहतियात बरत रहे हैं जिससे डॉक्टर भी सुरक्षित रहें और मरीजों को भी संक्रमण का डर ना हो. क्लिनिक के अंदर केवल डॉक्टर और स्टाफ ही मौजूद रहता है. मरीजों के लिए केवल काउंटर बनाए गए हैं. डॉक्टर और स्टाफ ने एन95 मास्क , ग्लव्स और शील्ड पहना हुआ था और वक़्त वक़्त पर विंडो को सैनिटाइज भी किया जाता है.


अस्पतालों में भीड़ होने की वजह से अधिकतर मरीज़ मोहल्ला क्लीनिक ही जा रहे हैं. इनमें से ज़्यादातर मरीज़ डायबिटीज और सामान्य बुखार, खांसी वाले हैं. क्लिनिक में सभी जगह डॉक्टर और उनका स्टाफ समय से ड्यूटी करने के लिए पहुंच जाता है. सुबह 8 बजे से ही मरीज़ दवाइयां लेने के लिए आना शुरू हो जाते हैं जो दोपहर 2 बजे तक दिए गए टाइम अनुसार आते जाते रहते हैं.  इन सभी लोगों को अटेंड करने के लिए क्लिनिक पर उचित स्टाफ हर समय मौजूद रहता है. आम लोगों से भी हमने मोहल्ला क्लिनिक की सेवाओं के बारे में जानना चाहा. प्रीत बिहार से रश्मि कहती हैं कि मोहल्ला क्लीनिक से सहूलियत हो रही है और छोटी छोटी चीजों के लिए दूर बड़े अस्पतालों में जाना नहीं पड़ रहा है.


तिलक नगर से सुरजीत कौर और उनके पति बताते हैं कि उन्हें यहां शुगर , बीपी इत्यादि सबकी दवाई मिल जाती है. लोगों से सोशल डिस्टेंस बना कर खड़े होने के लिए कहा जाता है.


एबीपी न्यूज की पड़ताल में हमने पाया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए मोहल्ला क्लिनिक अस्पतालों पर पड़ने वाले दबाव को साझा करने की सफल कोशिश है .


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