Rashtriya Swayamsevak Sangh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय वार्षिक आम बैठक रविवार (12 मार्च) को हरियाणा में इस दावे के साथ शुरू हुई कि देशभर में हिंदुत्व संगठन की गतिविधि में काफी वृद्धि हुई है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबोले समेत संगठन के शीर्ष नेता, प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाग ले रहे हैं. संघ से जुड़े 35 से अधिक फ्रंटल संगठनों के लगभग 1,400 नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं. बैठक में, कई प्रस्ताव पारित किए जाएंगे जो उन मुद्दों को सामने लाएंगे जिन्हें आरएसएस आगे बढ़ाना चाहता है. बैठक में ये भी कहा गया कि देश अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए तैयार है.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
आरएसएस नेताओं ने कहा कि पंजाब में आतंकवाद, जनसंख्या नियंत्रण, बेरोजगारी, संघ में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और आरएसएस के बारे में नकारात्मक धारणाओं से निपटने जैसे मुद्दों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है. बैठक की शुरुआत में मीडिया को संबोधित करते हुए आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने दावा किया कि पिछले साल की तुलना में देश भर में शाखाओं (आरएसएस द्वारा आयोजित मण्डली) की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.
युवा संघ से जुड़ना चाहते
इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि देश की सेवा करने के लिए बड़ी संख्या में युवा और शिक्षित युवा संघ में रुचि दिखा रहे हैं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स ने भी दावा करते हुए कहा है कि राष्ट्र और समाज के प्रति संघ की विचारधाराओं से प्रेरित होकर लोग खासकर डिजिटल प्रेमी युवा, बार-बार संघ से जुड़ने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं.
20 से 35 साल के युवा...
मनमोहन वैद्य ने कहा, 'ऐसे समय में जब संघ 71355 स्थानों पर अपनी भूमिका निभा रहा है लोगों की रुचि संघ के प्रति बढ़ रही है और वो अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए संघ से संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने दावा कर कहा, "आरएसएस में शामिल होने के लिए अनुरोध भेजने वालों में ज्यादातर 20 और 35 वर्ष के युवा हैं. वे सामाजिक सेवाओं के लिए संघ में शामिल होना चाहते हैं.
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