पुणे: इस साल अप्रैल में पुणे पुलिस ने माओवादी नेता की ओर से लिखे गए एक कथित पत्र को जब्त किया था जिसमें देश में अलग-अलग नक्सल गतिविधियों के लिए प्रतिष्ठित तेलुगू कवि वरवरा राव के कथित ‘मार्गदर्शन’ के लिए उनकी तारीफ की गई थी.


राव उन पांच लोगों में शामिल हैं जिन्हें माओवादियों के साथ संदिग्ध जुड़ाव के आरोप में गिरफ्तार किया गया. महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में प्रतिष्ठित वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी के बाद ये गिरफ्तारियां की हैं. कॉमरेड मिलिंद द्वारा हिन्दी में लिखे पत्र में राव की तारीफ करते हुए उन्हें ‘वरिष्ठ कॉमरेड’ बताया गया है.


पत्र में कहा गया है, ‘‘पिछले कुछ महीनों के दौरान वरिष्ठ कॉमरेड वरवर राव और हमारे कानूनी सलाहकार कॉमरेड वकील सुरेंद्र गाडलिंग की विभिन्न गतिविधियों में मार्गदर्शन की वजह से हमें राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रचार मिला है.’’ इस पत्र की प्रति पीटीआई के पास है.


कौन कौन कहां से हुआ गिरफ्तार?
सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव हैदराबाद से, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा दिल्ली से, सुधा भारद्वाज फरीदाबाद से, स्टेन स्वामी रांची से, अरुण फरेरा ठाणे से, वरनॉन गोंजाल्विस मुंबई से और आनंद तेलतुंबडे गोवा से गिरफ्तार किए गए.


किस आधार पर पुलिस ने की गिरफ्तारी?
दरअसल पुलिस का दावा है कि भीमा कोरेगांव हिंसा के एक दिन पहले 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद का कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में जो भाषण दिए गए उनके कारण ही हिंसा भड़की थी. इसीलिए उन तमाम लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर उस कार्यक्रम में शामिल लोगों से जुड़े हैं. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज, किताबें और कुछ साहित्य बरामद किया गया है.


पीएम की हत्या की चिट्ठी मामले में भी हुई गिरफ्तारी
महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम सुबह करीब 5 बजे हैदराबाद में कवि और एक्टिविस्ट वरवरा राव के घर पहुंच गयी. कवि वरवर राव के घर छापेमारी इसलिए की गयी क्योंकि इसी साल जून में एक आरोपी रोना विल्सन के घर से मिली एक चिट्ठी में उनका नाम था. उस चिट्ठी में राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात लिखी थी. इसके बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया, उनसे पूछताछ के आधार पर करीब 250 ईमेल की छानबीन हुई.


चिट्ठी में क्या लिखा है?
पत्र में लिखा है, ‘’मोदी 15 राज्यों में बीजेरी को स्थापित करने में सफल हुए हैं. यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चों पर पार्टी के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी. कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं. हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं. यह आत्मघाती जैसा मालूम होता है और इसकी भी अधिक संभावनाएं हैं कि हम असफल हो जाएं, लेकिन हमें लगता है कि पार्टी हमारे प्रस्ताव पर विचार करे, उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है. हमें लगता है कि पार्टी का अस्तित्व किसी भी त्याग से ऊपर है.’’


डराने के लिए कार्रवाई कर रही है सरकार: लेफ्ट
लेफ्ट समेत तमाम एक्टिविस्ट आरोप लगा रहे हैं कि भीमा कोरेगांव के नाम पर सरकार अपने खिलाफ बोलने वालों को डराने के लिए ये कार्रवाई कर रही है. लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पूरे विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है, जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.


जो शिकायत करें उन्हें गोली मार दो
राहुल गांधी ने भीमा कोरेगाव केस में गिरफ्तारियों को लेकर आरएसएस पर साधा निशाना है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''भारत में सिर्फ़ एक एनजीओ के लिए जगह है और इसका नाम आरएसएस है. बाकी सभी एनजीओ बंद कर दो. सभी ऐक्टिविस्टों को जेल में भेज दो और जो लोग शिक़ायत करें उन्हें गोली मार दो. न्यू इंडिया में आपका स्वागत है.’’


क्या है भीमा कोरेगांव हिंसा?
बता दें कि इसी साल जनवरी में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़क उठी थी. पूरा झगड़ा 29 दिसंबर से शुरू हुआ था. 29 दिसंबर को पुणे के वडू गांव में दलित जाति के गोविंद महाराज की समाधि पर हमला हुआ था, जिसका आरोप मिलिंद एकबोटे के संगठन हिंदू एकता मोर्चा पर लगा और एफआईआर दर्ज हुई. एक जनवरी को दलित समाज के लोग पुणे के भीमा कोरेगांव में शौर्य दिवस मनाने इकट्ठा हुए और इसी दौरान सवर्णों और दलितों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक शख्स की जान चली गई और फिर हिंसा बढ़ती गई.


भीमा कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस की कई इलाकों में छापेमारी, 5 लोगों को किया गिरफ्तार