बॉम्बे कैथोलिक सभा ने मराठा आरक्षण की आड़ में ईसाइयों के सर्वे को बताया गलत, समुदाय के लोगों से की ये खास अपील
The Bombay Catholic Sabha News: बॉम्बे कैथोलिक सभा ने अपनी मीटिंग में डायोसेसन पास्टोरल सेंटर लखनऊ के निदेशक फादर डोमिनिक पिंटो की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.
The Bombay Catholic Sabha Appeal: आगामी लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. एक तरफ राजनीतिक दल जहां अपने स्तर पर तैयारियों में जुटी हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सामाजिक संस्थाएं और आम लोग भी इस चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कई लोग और सामाजिक संस्थाएं अपने मुद्दे भी तय कर रहे हैं. इसी कड़ी में बॉम्बे कैथोलिक सभा ने अपने सदस्यों से संसदीय चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है. बॉम्बे कैथोलिक सभा ने अपनी एनुअल मीटिंग में मराठा आरक्षण के लिए डेटा एकत्र करने की आड़ में ईसाइयों के अनुचित सर्वे के खिलाफ भी अपना विरोध जताया है.
बॉम्बे कैथोलिक सभा (बीसीएस) की गिनती देश के सबसे बड़े ईसाई संगठनों में होती है. इसके 63 हजार से अधिक सदस्य हैं और महाराष्ट्र के चार जिलों में इसकी उपस्थिति है. शनिवार को बीसीएस के सदस्य अपने वार्षिक सभा दिवस के लिए बांद्रा पश्चिम के सेंट एंड्रयू हॉल में इकट्ठा हुए और समुदाय के सामने आने वाले कई मुद्दों पर चर्चा की.
पत्रकार निखिल वागले पर हमले की निंदा की
बीसीएस ने डायोसेसन पास्टोरल सेंटर, लखनऊ के निदेशक फादर डोमिनिक पिंटो की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. इसी तरह सभा ने पुणे में पत्रकार निखिल वागले पर हुए हमले की निंदा की. संगठन ने केंद्र और राज्य सरकारों से हेट कैंपेन और हिंसा को रोकने व अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ सभी के लिए समान रूप से कानून का शासन लागू करने का आह्वान किया.
समाज के लोगों से 100 प्रतिशत मतदान का किया आग्रह
सभा ने अपने सदस्यों से 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं के लिए मतदाता सूची में रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया और आगामी संसदीय चुनावों में 100 प्रतिशत मतदान करने का भी आग्रह किया.
बदलाव लाने पर सही को चुनने पर दिया जोर
बीसीएस के अध्यक्ष डॉल्फी डिसूजा ने कहा, “हमें धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने और अपने संविधान, लोकतंत्र और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अपने संघर्ष में पूरी तरह से शामिल होने की जरूरत है. हमारे पास बदलाव लाने और उन लोगों को चुनने का नैतिक अधिकार व शक्ति है जिनके हम हकदार हैं.''
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