नई दिल्ली: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि किसानों की आत्महत्याएं रोकने के लिए सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है.

कृषि मंत्रालय की ओर से पूर्व में कम ध्यान दिये गए क्षेत्रों, पूर्वी राज्यों और जम्मू कश्मीर में ऋण का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करना प्रस्तावित है.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'सरकार किसानों की कम आय का समाधान कर रही है. कृषि संकट जो कि बड़ी संख्या में किसानों के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने और आत्महत्याओं की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से प्रकट होता है, उसका समाधान किसानों की आय बढ़ाकर किया जा सकता है.'

इसमें कहा गया है, 'इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना लक्ष्य निर्धारित किया है. इसे हासिल करने के लिए कृषि, सहयोग और किसान कल्याण विभाग ने किसानों की आय के विभिन्न आयामों की जांच पड़ताल करने और एक उचित रणनीति की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया है.'

मामला न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था. रिपोर्ट में सरकार ने कहा था कि वह खेती की लागत कम करने के लिए योजनाएं लागू करने पर काम कर रही है.

बता दें कि यह रिपोर्ट पंजाब के एक एनजीओ ‘यूथ कमल आर्गेनाइजेशन’ की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर आई है जिसमें किसानों की आत्महत्याएं रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की गई थी.

रिपोर्ट में कोर्ट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में जानकारी दी गई जिसे 2016 में बहुत कम प्रीमियम दर के साथ शुरू किया गया था और जिसका उद्देश्य कृषि जाखिमों और पूर्व की योजनाओं में कमियों को दूर करना है.