भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्यों में चुनाव करवाने की जिम्मेदारी मुख्य चुनाव आयुक्त की होती है. यू कहिए कि इनके कंधों पर ही देश का इलेक्शन सिस्टम का दारमोदार होता है. मुख्य चुनाव आयुक्त ही भारतीय चुनाव आयोग का प्रमुख होता है. भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ इंडिया को कितनी सैलरी मिलती है और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. चलिए आपको बताते हैं.


सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर है मुख्य चुनाव आयुक्त का वेतन


जहां तक कार्यकाल की बात है तो मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) का होता है. बता दें कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समान ही सम्मान और वेतन मिलता है. गौरतलब है कि साल 2018 में  सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधिशों का वेतन 2 लाख 50 हजार रुपए वेतन कर दिया गया था. वहीं चीफ जस्टिस का वेतन 2.80 लाख रुपये किया गया था. उसी के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त की सैलरी भी की गई थी.


प्रतिमाह 2.50 लाख वेतन पाते हैं मुख्य चुनाव आयुक्त


https://www.7thpaycommissioninfo.in की वेबसाइट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त को प्रतिमाह सैलरी के तौर पर 2.50 लाख रुपये दिए जाते हैं. इस वेतन में किसी प्रकार का अलाउंस शामिल नहीं है. वहीं सालाना सैलरी के तौर पर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया 30 लाख रुपये पाते हैं. बता दें कि भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त का पद और उसकी गरिमा काफी बड़ी है. वो मुख्य चुनाव आयुक्त ही होते हैं जो देश भर में छोटे से लेकर बड़े चुनाव तक यानी ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक को सकुशल करवाने की जिम्मेदारी संभालते हैं.


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