नई दिल्ली:  कोरोना महामारी के कारण राष्ट्रीय लॉकडाउन के बीच आगामी रविवार 5 अप्रैल, रात 9 बजे, 9 मिनट तक दीया, मोमबत्ती, टॉर्च जलाने की प्रधानमंत्री मोदी की अपील को कांग्रेस ने निराशाजनक करार दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि देश को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री डॉक्टरों की सुरक्षा, मजदूरों के खाते में रुपए, सब्जी-अनाज जैसी आवश्यक चीजें की सप्लाई पर बोलेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री के संदेश के बाद देश निराश हुआ है. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि वो दीया जलाने की अपील के खिलाफ नहीं है. लेकिन पार्टी ने सवाल उठाया है कि ये कार्यक्रम जिन डॉक्टर, नर्स और मेडिकल के कर्मचारियों के सम्मान में किया जाना है उनकी सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है? कांग्रेस ने पीएम से सवाल भी पूछा कि बताएं गरीबों का चूल्हा कैसे जलेगा? 


रविवार रात 9 बजे 9 मिनट तक दीया जलाने वाले प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश पर कांग्रेस की तरफ से आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि देश प्रधानमंत्री से उम्मीद लगाए बैठा था कि वो बताएंगे कि डॉक्टरों, नर्सों के लिए कितने पीपीई सुरक्षा उपकरणों का इंतजाम हुआ. उम्मीद थी कि किसानों के जन-धन खाते, पेंशन वालों के खाते में 7500 रुपए और मनरेगा मजदूरों के खाते में 3 महीने का एडवांस पैसा जमा करने से जुड़े ऐलान प्रधानमंत्री करेंगे. लेकिन देश आज निराश हुआ है. खेड़ा ने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री सब्जियों और अनाज की बढ़ती कीमत, आपूर्ति की चरमराई हुई व्यवस्था पर बात करेंगे. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत ट्रक रुके हुए हैं. किराने की केवल 20 प्रतिशत दुकानें खुल पा रही हैं. जरूरी चीजें उपभोक्ता को काफी मंहगी मिल रही हैं. आटा, दाल, सब्जियों के दाम डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गए हैं. 


वहीं, कोरोना टेस्ट की संख्या का मुद्दा उठाते हुए खेड़ा ने कहा कि देश की कुल 130 करोड़ की आबादी में से अब तक 50 हजार से भी कम कोरोना के टेस्ट हुए हैं. प्रधानमंत्री ने ये भी नहीं बताया कि टेस्ट की संख्या को कैसे बढ़ाएंगे.  


पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी हमने आपके कहने पर थाली बजाई अब मोमबत्ती भी जला दिया जाएगा. लेकिन डॉक्टरों-नर्सों की जान की कीमत भी है. वो खतरे में काम कर रहे हैं. उन्हें उपकरण क्यों नहीं मिल रहे? ये किसकी जिम्मेदारी है? क्या मजदूरों का चूल्हा जलता रहे ये आपकी जिम्मेदारी नहीं?


वहीं बीजेपी के द्वारा राजनीति ना करने की नसीहत दिए जाने पर खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार कहा है कि कोरोना की लड़ाई में हम सरकार के हर कदम से साथ हैं. लेकिन सरकार कदम तो उठाए. सरकार ने अब तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई है. अगर सरकार सर सवाल करना राष्ट्र-विरोधी है तो 70 साल से ये लोग क्या कर रहे थे? अगर तैयारी के साथ लॉकडाउन लागू होता तो मजदूरों को पलायन करना नहीं होता. 12 फरवरी को राहुल गांधी ने जब कोरोना का मुद्दा उठाया तो स्वास्थ्य मंत्री ने मजाक उड़ाया. बावजूद इसके हम सरकार से प्रश्न पूछते रहेंगे.