अहमदाबाद/नई दिल्ली: देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की मूर्ति का उद्घाटन होते ही ये दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बन गई. ये देश के लिए गौरव की बात है और इससे जुड़ी बड़ी सारी जानकारियां सामने आ रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इसके रख रखाव पर कितना खर्च आने वाला है और ये पैसे कहां से आएंगे? आइए आपको देते हैं ये जानकारी.


अगर इसके 15 साल तक के रख रखाव की बात करें तो इस पर 657 करोड़ रुपए का ख़र्च आने का अनुमान है. वहीं, साल के हिसाब से खर्च 43.8 करोड़ रुपए का बैठता है. इसका मतलब से हुए कि इस मूर्ति के रख रखाव पर हर रोज़ 12 लाख रुपए का ख़र्च आएगा.


इस मूर्ति के रख रखाव के लिए केंद्र सरकार की पांच पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) ओएनजीसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल, इंडियन ऑयल और ऑयल ने मिलकर 146 करोड़ रुपए से ज़्यादा इकट्ठा किए हैं. ये रकम इन्होंने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) के तहत दी है. आम तौर पर ऐसी रकम का इस्तेमाल स्कूल या हॉस्पिटल खोलने के लिए होता है.


दरअसल, कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी बड़े व्यापारों का वो सामाजिक दायित्व होता है जिसके तहत इन्हें कमाई में हुए फायदे का दो प्रतिशत सामाजिक कल्याण के काम में देना होता है. इसी पैसे का इस्तेमाल मूर्ति के रख रखाव पर आने वाले ख़र्च में किया जाना है.


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