नई दिल्ली: जनता दल यूनाईटेड के बागी नेता अली अनवर से दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई को दौरान पूछा कि वह सरकारी आवास बरकरार रखने के लिये इतने उतावले क्यों हैं. अनवर को हाल में ही राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था.
बिहार के नेता अनवर का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल अप्रैल 2018 में समाप्त हो रहा था. उन्होंने उच्च सदन में खुद को अयोग्य ठहराने पर रोक लगाने की मांग की है और अदालत से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को निर्देश दे कि जब तक अदालत इस मामले में फैसला नहीं सुना देती, तब तक वे उनसे बंगला खाली नहीं कराएं.
क्यों आप इसे रखने को इतने उतावले हैं -कोर्ट
न्यायमूर्ति विभु भाखरू ने अनवर के वकील से मौखिक रूप से पूछा, ‘‘आप अपना आवास सरकार को सौंप दें. क्यों आप इसे रखने को इतने उतावले हैं.’’ अदालत ने अनवर की याचिका पर औपचारिक रूप से कोई आदेश नहीं दिया और मामले पर अगली सुनवाई की तारीख तीन जनवरी 2018 निर्धारित कर दी.
अपनी निजी टिप्पणी में अदालत ने कहा, ‘‘एकबार आपका कार्यकाल समाप्त हो जाए तो आप अधिकारियों को अपना बंगला सौंप दें.’’ अनवर की तरफ से उनके वकील निजाम पाशा ने कहा कि राज्यसभा सभापति ने उनके मुवक्किल और जद :यू: के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को गत चार दिसंबर को अयोग्य ठहराने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना.
उच्च न्यायालय ने यादव को राज्यसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराने पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था, लेकिन उन्हें अपना वेतन, भत्ता और अन्य लाभ लेने तथा बंगला रखने की अनुमति दे दी थी.