जमानत पर हाल ही में रिहा हुए रिया चक्रवर्ती के भाई को लेकर कोर्ट ने कही ये बड़ी बात
एनडीपीएस की एक विशेष अदालत ने रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत को मंजूर करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के लिए अवैध रूप से धन मुहैया कराने का आरोप इस मामले में लागू नहीं होता.
![जमानत पर हाल ही में रिहा हुए रिया चक्रवर्ती के भाई को लेकर कोर्ट ने कही ये बड़ी बात The court said this about the brother of Riya Chakraborty showik who was recently released on bail जमानत पर हाल ही में रिहा हुए रिया चक्रवर्ती के भाई को लेकर कोर्ट ने कही ये बड़ी बात](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/02123705/Showik-Chakraborty.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मुंबई: एनडीपीएस की एक विशेष अदालत ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के लिए अवैध रूप से धन मुहैया कराने का आरोप इस मामले में लागू नहीं होता है. यह आदेश दो दिसंबर को पारित किया गया था और मंगलवार को इसकी प्रति उपलब्ध कराई गई.
शौविक को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था. एनसीबी ने शौविक को धारा 27-ए समेत स्वापक औषधि और एनडीपीएस के कड़े प्रावधानों के तहत इस साल सितंबर में गिरफ्तार किया था.
शौविक के मामले में धारा 27-ए लागू नहीं होता- अदालत
विशेष एनडीपीएस अदालत के न्यायाधीश जी बी गुराव ने शौविक की जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि एनडीपीएस कानून की धारा 27-ए के आरोप शौविक के मामले में लागू नहीं होते. एनडीपीएस कानून की धारा 27-ए नशीले पदाथों की तस्करी के लिए वित्तीय मदद देने और अपराधियों को पनाह देने से जुड़ी है और इसके तहत 10 से 20 साल के कड़े कारावास की सजा का प्रावधान है.
न्यायाधीश ने कहा कि एनडीपीएस कानून की धारा 37 के तहत उस आरोपी की जमानत पर रिहाई के लिए कड़े प्रावधान बनाए गए हैं. जिसके खिलाफ धारा 19 या धारा 24 या धारा 27-ए के तहत मामला दर्ज किया गया हो. अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा, अदालत को यह भी देखना होगा कि यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि आरोपी दोषी नहीं है. जैसा पहले कहा गया है कि याचिकाकर्ता (शौविक) के मामले में धारा 27 के घटक मौजूद नहीं हैं.’’
शौविक की जमानत याचिका इससे पहले दो बार खारिज हो चुकी है
इससे पहले शौविक की जमानत याचिका दो बार खारिज की जा चुकी है. बाद में, शौविक ने अपनी जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले का जिक्र किया जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि एनसीबी अधिकारियों के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान पर साक्ष्य के तौर पर विचार नहीं किया जा सकता.
एनडीपीएस की विशेष अदालत ने कहा कि अदालत का आदेश शौविक के मामले पर लागू होता है. जज ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश और तथ्यों व परिस्थितियों के अनुसार, मुझे लगता है कि हालात में बदलाव हुआ है.’’
यह भी पढ़ें.
शादी के बाद हनीमून से लौटते वक्त Sana Khan ने कराया अपना Covid Test, सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो
पाकिस्तान में दिलीप कुमार और राज कपूर के घर की कीमत हुई तय, जानें कितनी है रकम
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)