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विस्थापन के तीस साल: कश्मीरी पंडितों ने घाटी में एक जगह पर बसाने की मांग की
हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए एक शहर बसाने के प्रस्ताव पर विचार किया था.
![विस्थापन के तीस साल: कश्मीरी पंडितों ने घाटी में एक जगह पर बसाने की मांग की The displaced Kashmiri Pandits for thirty years demanded a place in the valley विस्थापन के तीस साल: कश्मीरी पंडितों ने घाटी में एक जगह पर बसाने की मांग की](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/01/20080231/kashmiri-pandit.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जम्मू: कश्मीर घाटी से पंडितों के पलायन के 30 साल पूरे होने के मौके पर समुदाय के लोगों ने सरकार से घाटी में एक स्थान पर उन्हें बसाने की मांग की है. ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस (एएसकेपीएस) के महासचिव टी के भट ने कहा कि सभी कश्मीरी पंडितों का कहना है कि घाटी में लौटने और पुनर्वास के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ एक स्थान पर बसाना ही विकल्प है.
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य चिंता घाटी में समुदाय की सुरक्षा है. सुरक्षा पहलु पर जोर देते हुए भट ने कहा, ‘‘आप हमारे घरों और कॉलोनियों की सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक कश्मीरी पंडित को उस समय सुरक्षा देना संभव नहीं है जब वह बाजार जा रहे हों. समुदाय के वापस जाने के लिए सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण पहलु है.’’
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर बी एल जुत्शी ने कहा, ‘‘एक स्थान पर निवास से समुदाय का राजनीतिक सशक्तिकरण होगा और हम इस राजनीतिक सशक्तिकरण की उम्मीद कर रहे हैं.’’ उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए एक शहर बसाने के प्रस्ताव पर विचार किया था, लेकिन उसे ना केवल अलगावादियों, बल्कि कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों के भी विरोध का सामना करना पड़ा था.
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