Narendra Modi: भारत इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज के निर्माण पर अमेरिका और यूरोप की तुलना में दोगुना खर्च कर रहा है. प्रतिष्ठित पत्रिका द इकोनॉमिस्ट ने भी सरकार के इस लक्ष्य की तारीफ करते हुए लिखा है कि इससे भारत को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना आसान होगा. 


जानकारी के मुताबिक अगले वर्ष के बजट में भारत ने ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज पर जीडीपी का 1.7 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य रखा है. यह आंकड़ा अमेरिका और अधिकांश यूरोपीय देशों की तुलना में करीब दोगुना है. भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. जब पूरी दुनिया में मंदी आ रही है तब भी भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन लगातार बेहतरीन बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.5 लाख करोड़ डॉलर है. 


आठ सालों में पचास हजार किलोमीटर के बने हैं नए हाईवे


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए कैपिटल एलोकेशन बढ़ाकर 122 अरब डॉलर कर दिया है, जिससे वैश्विक मंदी के बीच रोजगार को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और डेवलपमेन्ट के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये एलोकेट किए हैं, जो वित्त वर्ष 2013-14 में आवंटित राशि का नौ गुना है. इसके अलावा सड़कों के लिए आवंटन 36 प्रतिशत बढ़ाकर 2.7 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. पिछले आठ सालों में पचास हजार किलोमीटर के नए हाईवे बने हैं.


2023 में ग्रामीण सड़कों की लंबाई बढ़कर सात लाख उनतीस हजार किलोमीटर हो गई है, जबकि 2014 में ये आंकड़ा तीन लाख इक्यासी हजार किलोमीटर था. इसी अवधि में हवाई अड्डों की संख्या 70 से बढ़कर 148 हो गई है. 2024 तक मोदी सरकार का लक्ष्य हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाकर 200 करने का है. द इकोनॉमिस्ट ने कुछ आंकड़े ग्राफिक्स में दिखाए हैं जो भारत की विकास गाथा को समझाने के लिए काफी हैं.


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