नई दिल्ली: तब्लीगी जमात मामले की जांच में नया खुलासा हुआ है. अब तक बरामद दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला है कि तब्लीगी की तरफ से विदेशों में भी पैसा भेजा गया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले से जुड़े दस्तावेज ईडी को भेज दिए हैं. दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने अब तक पांच लोगों से पूछताछ की है. ईडी इस बात की भी जांच कर रहा है कि तब्लीगी जमात को मिलने वाली फंडिंग के स्रोत क्या है. मौलाना साद के करीबी लोगों से पूछताछ के बाद मौलाना साद को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगा.


तब्लीगी जमात के मुख्यालय से अपराध शाखा को छापे के दौरान उर्दू में लिखे जो दस्तावेज बरामद हुए थे. उनकी आरंभिक जांच के दौरान पता चला है कि मौलाना साद उनके करीबियों और तब्लीगी जमात के जरिए विदेशों में भी पैसा भेजा गया था. जांच के दौरान पता चला है कि पैसा आने जाने की गांठे कई परतों में उलझी हुई हैं. लिहाजा दिल्ली पुलिस ने यह सभी दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेजों और दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अब तक पांच लोगों से पूछताछ की है.


जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों से पूछताछ की गई है उनमें विदेशी पैसे को भारतीय मुद्रा में बदलने वाला मनी चेंजर मौलाना साद के पैसों का हिसाब किताब रखने वाला शख्स और जमात के लोगों के टिकट बुक कराने वाला ट्रैवल एजेंट शामिल है. इन्हीं लोगों से पूछताछ के दौरान ईडी को कुछ अहम तथ्य मिले हैं.


दिल्ली पुलिस ने ईडी को जो दस्तावेज सौंपे हैं वह सभी उर्दू में हैं. लिहाजा ईडी ने सभी दस्तावेजों का हिंदी में अनुवाद कराना शुरू कर दिया है. साथ ही ईडी ने साद के जिन खास लोगों से पूछताछ की है उनसे उनके बैंक अकाउंट के बारे में भी जानकारी मांगी है. सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच के दौरान ईडी को मात्र 1 साल का बैंक खाता मिला है. लेकिन ईडी पिछले 10 सालों के बैंक खाते चाहती है. जिससे पता चल सके कि तब्लीगी जमात को आने वाली फंडिंग का स्रोत क्या था.


ईडी जानना चाहती है कि
- तब्लीगी जमात के पैसे का स्रोत क्या है?
- विदेश में किन लोगों को पैसा भेजा गया?
- किसके कहने पर और किन रास्तों से भेजा गया था पैसा?
- देश में विदेशों से किन खातों में पैसा आता था?
- यह पैसा किस तरह खर्च किया जाता था?
- पैसा खर्च करने के निर्देश कौन देता था?


सूत्रों के मुताबिक ईडी ने आयकर विभाग तथा अन्य स्रोतों से यह जानकारी लेने की कोशिश की थी क्या तब्लीगी जमात के नाम पर कोई ट्रस्ट है या नहीं? सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच के दौरान तब्लीगी जमात के नाम पर कोई ट्रस्ट नहीं मिला है. लिहाजा ईडी जानना चाहती है कि पैसा किसके कहने पर खर्च किया जाता था शक की सारी सुई मौलाना साद की तरफ यह हैं. लिहाजा ईडी साद के करीबी लोगों से पूछताछ के बाद साद को पूछताछ का नोटिस जारी करेगा.


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