कांग्रेस को जनवरी 2021 में मिलेगा नया अध्यक्ष, लेकिन राहुल गांधी की वापसी पर सस्पेंस- सूत्र
राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनने कि बात कई बार कह चुके हैं. राहुल ने कहा था कि ना तो वो खुद बनेंगे और ना हीं गांधी परिवार से कोई बनेगा.हाल हीं में पार्टी की कार्यशैली और नए स्थाई अध्यक्ष कि मांग को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी.
नई दिल्ली: हाल हीं में स्थाई अध्यक्ष की मांग को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं की तरफ से कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी को लेकर खूब बवाल मचा था. इस बवाल के बाद सोनिया गांधी ने नई कार्यसमिति के गठन के साथ ही संगठन में चुनाव कराने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में नई चुनाव समिति का गठन किया था. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक इस चुनाव समिति ने अब चुनावी प्रक्रिया को लेकर काम शुरू कर दिया है और दो राउंड कि बैठक भी कर ली है.
मध्य जनवरी तक होंगे कार्यसमिति के चुनाव
चुनाव समिति के सूत्रों के मुताबिक, चुनाव समिति एक महीने में पार्टी के अध्यक्ष पद सहित कार्यसमिति के 12 सदस्यों के चुनाव कराने के लिए तैयार होगी और कांग्रेस अध्यक्ष को इसकी जानकारी दे देगी. जिसके बाद कार्यसमिति कि बैठक बुलाकर चुनाव समिति को नोटिफिकेशन निकालने से लेकर चुनाव कराने तक की टाइमलाइन सुझा दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक़, नए अध्यक्ष समेत कार्यसमिति के चुनाव मध्य जनवरी तक करा दिए जाएंगे और कांग्रेस को अपना नया अध्यक्ष जनवरी 2021 में मिल जाएगा.
बता दें कि इस बार का चुनाव आम चुनाव नहीं बल्कि एक तरह से अंतरिम चुनाव होगा, क्योंकि पिछले स्थाई अध्यक्ष का चुनाव 2017 में हुआ था, जिसका कार्यकाल 2022 तक होता है. लेकिन इस बीच ही राहुल गांधी के इस्तीफे की वजह से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि नया अध्यक्ष भी तब तक अध्यक्ष पद पर रहेगा, जब तक कि अगले चुनाव नहीं हो जाते.
एआईसीसी सदस्य ही चुनाव में वोट डालेंगे
क्योंकि कांग्रेस का इस बार का चुनाव आम चुनाव नहीं होगा, इसलिए इस बार केवल एआईसीसी सदस्य ही चुनाव में वोट डालेंगे. चुनाव से पहले हाल हीं में पुनर्गठित कार्यसमिति भी अपना इस्तीफा सौंप देगी और नई कार्यसमिति चुनी जाएगी.
अब बड़ा सवाल ये कि क्या अध्यक्ष नहीं बनने कि ज़िद्द पर अड़े राहुल गांधी क्या चुनाव लडेंगे? राहुल गांधी लगातार अध्यक्ष नहीं बनने कि बात कई बार कह चुके हैं. यहां तक कि अपने इस्तीफे के बाद हुई कार्यसमिति की बैठक में तो यहां तक कह दिया था कि ना तो वो खुद बनेंगे और ना हीं गांधी परिवार से कोई बनेगा.
अभी हाल हीं में पार्टी की कार्यशैली और नए स्थाई अध्यक्ष कि मांग को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद काफी हंगामा मचा और कार्यसमिति कि बैठक बुलाई गई, जिसमें सोनिया गांधी ने टो टूक कह दिया था कि पार्टी अपना नया अध्यक्ष जल्द से जल्द चुन ले, ये अब ओपन एन्डेड नहीं रहेगा.
पार्टी के तमाम नेताओं ने साध रखी है चुप्पी
इस बैठक में भी कई लोगों ने राहुल गांधी से मांग की थी कि वो ज़िद्द छोड़ फिर से पार्टी कि अध्यक्षता स्वीकार कर ले मगर राहुल गांधी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था. पार्टी के तमाम नेताओं ने इस मुद्दे पर फिलहाल चुप्पी साधी हुई है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनेंगे या नहीं या चुनाव लडेंगे या नहीं.
जब एबीपी न्यूज़ संवाददाता आशीष कुमार सिंह ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से इसको लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला राहुल गांधी हीं करेंगे. एबीपी न्यूज़ ने जब यही सवाल पार्टी के वरिष्ठ नेता और अब कार्यसमिति के पर्मानेन्ट इनवाइटी दिग्विजय सिंह से पूछा था तो उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को हीं फिर से अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस को एक गांधी हीं जोड़े रख सकता है.
राहुल नहीं मानते तो प्रियंका को राजी करें सोनिया- दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने हलांकि ये भी कहा था कि सोनिया गांधी को राहुल गांधी को मनाना चाहिए, लेकिन अगर राहुल गांधी बिलकुल भी नहीं मानते हैं तो फिर सोनिया गांधी को पार्टी कि अध्यक्षता के लिए प्रियंका गांधी को राज़ी करना चाहिए.
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