कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस सहित कई पार्टियां धुआंधार प्रचार में लगी है. इसी बीच शुक्रवार यानी 6 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के बेल्लारी में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' का जिक्र किया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.


ये वहीं फिल्म है जो अपने टीजर के लॉन्च के साथ ही विवादों में आ गई थी. इस फिल्म की कहानी दावा करती है कि केरल की 32 हजार लड़कियों को बहला फुसलाकर इस्लाम कुबूल करवाया गया और उसे आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेज दिया गया. इस फिल्म में जो 32 हजार के आंकड़े बताए गए हैं उसी को लेकर काफी विवाद हो रहा है. सेंसर बोर्ड की ओर से इस फिल्‍म को ए सर्टिफिकेट दिया गया है. रिलीज से पहले फिल्म से विवादित 10 सीन को भी काटा गया है.


प्रधानमंत्री ने क्या कहा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फिल्म का जिक्र करते हुए कहा, 'आतंकी साजिश पर फिल्म बनी है 'द केरल स्टोरी', ये फिल्म पिछले कुछ दिनों से काफी में चर्चा है. कहते हैं, केरल स्टोरी सिर्फ एक राज्य में हुई आतंकी साजिशों पर आधारित है. देश का इतना खूबसूरत राज्य, जहां के लोग इतने परिश्रमी और प्रतिभाशाली होते हैं, उस केरल में चल रही आतंकी साजिश का खुलासा इस फिल्म में किया गया है. 


पीएम मोदी आगे कहते हैं, "बीते कुछ सालों में आतंकवाद का एक और भयानक स्वरूप पैदा हो गया है. बम, बंदूक और पिस्तौल की आवाज तो सुनाई देती है लेकिन समाज को भीतर से खोखला करने की आतंकी साजिश की कोई आवाज़ नहीं होती. कोर्ट तक ने आतंक के इस स्वरूप पर चिंता जताई है."


प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस देश को तहस नहस करने वाली इस आतंकी प्रवृति के साथ खड़ी नजर आ रही है. इतना ही नहीं, कांग्रेस आतंकी प्रवृत्ति वाले लोगों के साथ पिछले दरवाजे से सौदेबाजी तक कर रही है."


उन्होंने आगे कहा, "मैं ये देख कर हैरान हूं कि अपने वोट बैंक के ख़ातिर कांग्रेस ने आतंकवाद के सामने घुटने टेक दिए हैं. ऐसी पार्टी क्या कभी भी कर्नाटक की रक्षा कर सकती है? आतंक के माहौल में यहां के उद्योग, आईटी इंडस्ट्री, खेती, किसानी और गौरवमयी संस्कृति सब कुछ तबाह हो जाएगी."


इस फिल्म का कितना पड़ेगा चुनाव पर असर 


इसे समझने के लिए हमने पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर दीपक राव से बात की. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में काफी पहले से ध्रुवीकरण की राजनीति होती आई है. पिछले कुछ चुनावों के नतीजे देखें तो पाएंगे कि इस राज्य में मुस्लिम वोटर्स एकजुट है और एक ही पार्टी को वोट करते रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ हिंदू वोटर्स का जाति के आधार पर बंटवारा होता रहा है. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए जीत हासिल करना आने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी बेहद जरूरी है. 


ऐसे में बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि हिंदुत्व के जरिए जातियों में बंटे वोट को अपने पक्ष में कर ले. यही कारण है कि इस चुनाव में बीजेपी 'बजरंग बली' और 'द केरल स्टोरी' का जिक्र कर रही है ताकि प्रचार का रुख हिंदुत्व की ओर मोड़ा जा सके.'


दीपक कहते हैं, 'कर्नाटक पिछले कुछ सालों में धार्मिक दृष्टि से बहुत ज्यादा संवेदनशील राज्य हो चुका है और राज्य में कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं कहा जा रहा है इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच बहुत नजदीक का मुकाबला होगा. ऐसे में राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण का मुद्दा एकदम से ज्यादा जोर पकड़ने लगा है. द केरल स्टोरी से पहले बजरंगबली के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है उसके बाद ये मुद्दा आ गया. फिलहाल कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध वाला और केरल फिल्म वाले पर कांग्रेस बैकफुट पर जाती नजर आ रही है.


दीपक ने आगे कहा, 'कर्नाटक हो या यूपी, चुनाव के दौरान इस तरह के मुद्दे हमेशा से ही बीजेपी को फायदा पहुंचाते आए हैं. द केरल स्टोरी की कहानी जिस मुद्दे पर है, वह पूरी तरह से बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाली फिल्म है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कई बार सार्वजनिक मंच पर लव जिहाद के मुद्दे को उठाया है. कहा कि एक खास वर्ग की महिलाओं का बहला-फुसलाकर धर्मान्तरण कराया जाता हैं. ऐसे में ये फिल्म आने से बीजेपी को ये कहने का मौका मिल गया कि हम जो आज तक कहते आ रहे थे, वो कहीं गलत नहीं था.'


कश्मीर फाइल्स से तुलना


बता दें कि इस फिल्म की तुलना साल 2022 के मार्च में आई 'कश्मीर फाइल्स' से की जा रही है. कश्मीर में कश्मीरी पंडितो के साथ हुए अत्याचार पर बनी उस फिल्म को लेकर उस वक्त भी काफी विवाद हुए थे. एक पक्ष इस फिल्म को प्रोपेगैंडा बता रहा था तो दूसरा पक्ष इसे कश्मीर की भयानक सच्चाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस वक्त भी कश्मीर फाइल्स को लेकर टिप्पणी की थी.


इस फिल्म को लेकर चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, "अगर कोई सच को उजागर करने का साहस करे तो, उसको जो सत्य लगा उसने प्रस्तुत करने की कोशिश की लेकिन उस सत्य को ना कोई समझने के लिए तैयार है, ना स्वीकारने करने के लिए. साथ ही कोशिश ये भी की जा रही है कि दुनिया इसे ना देखे और इसके लिए पांच-छह दिनों से षड़यंत्र चल रहा है."


असम के मुख्यमंत्री ने भी साधा निशाना 


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक में 'द केरल स्टोरी' फिल्म के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि एक नई फिल्म 'द केरल स्टोरी' कई चीजों का खुलासा करती है. जब बीबीसी ने पीएम मोदी पर झूठे दावे करने वाली फिल्म बनाई थी, तो कांग्रेस इसके पक्ष में थी, लेकिन आज यही कांग्रेस 'केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध चाहती है. 


इसके अलावा हिमंत ने सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा, "क्या बजरंग दल कोई बम विस्फोट करता है? नहीं आप बजरंग दल पर प्रतिबंध कैसे लगाएंगे? क्या है?" आपकी पीएफआई से दोस्ती है कि आप उनके प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं?


बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने किया फिल्म का समर्थन 


भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने फिल्म को लेकर उठे विवाद के बीच एक ट्वीट किया. ट्वीट में कहा गया, "द केरला स्टोरी वास्तविक जीवन की कहानियों पर आधारित है. ये हैरान और परेशान करने वाली फिल्म है."


मालवीय कहते हैं, "यह फिल्म केरल के तेज़ी से हो रहे इस्लामीकरण और किस तरह से मासूम लड़कियों को इस्लामिक स्टेट का चारा बनाने के लिए फंसाया जा रहा है उसे दर्शाती है. लव जिहाद वास्तविकता है और खतरनाक है. इस खतरे को पहचानना होगा."


इस फिल्म का कांग्रेस और केरल की पार्टियां कर रही हैं विरोध


एक तरफ जहां पीएम के बयान के बाद से ये साबित हो चुका है कि बीजेपी फिल्म द केरल स्टोरी का न सिर्फ खुलकर सपोर्ट कर रही है बल्कि इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए भी कर रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और केरल की पार्टियां इसका विरोध कर रही है. प्रधानमंत्री के बयान के बाद कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही 'आतंकवाद के खिलाफ रही है.'


समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते मुरलीधरन कहते हैं, "कांग्रेस ने शुरू से ही आतंकवाद का विरोध किया है. हम सांप्रदायिक ताकतों के भी ख़िलाफ़ हैं. हम सिर्फ पिछड़ों के पक्ष में हैं और उनके अधिकारों के लिए खड़े हैं."


केरल के सीएम ने क्या कहा 


केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि, 'पहली नज़र में फिल्म का ट्रेलर ऐसा लग रहा है कि इसका मकसद राज्य के खिलाफ प्रोपेगेंडा करना और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना है. 


विजयन आगे कहते हैं, 'लव जिहाद का मुद्दा ऐसा है जिसे जांच एजेंसियां, अदालतें और केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुके है. यह मुद्दा अब केरल को लेकर उठाया जा रहा है और ऐसा लगता है कि इसका मकसद दुनिया के सामने राज्य को बदनाम करना है."


शशि थरूर समेत इन नेताओं ने भी किया फिल्म का विरोध 


रविवार यानी 30 अप्रैल को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी इस फिल्म को लेकर एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि यह आपके केरल की कहानी हो, लेकिन यह हमारे केरल की कहानी नहीं है.


किन फिल्मों पर लग चुका है बैन?

बता दें कि 'द केरल स्टोरी' पहली ऐसी फिल्म नहीं है जिसपर बैन लगाने की मांग जा रही थी. इससे पहले शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन को अश्लील और आपत्तिजनक बताते हुए रिलीज से पहले ही बैन कर दिया गया था. बाद में उसे ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज किया.


मुंबई दंगों पर बनी फिल्म ब्लैक फ्राईडे को भी रिलीज होने से रोका गया था. बाद में अनुराग कश्यप की ये फिल्म मुंबई हाईकोर्ट के क्लीयरेंस के बाद रिलीज हो सकी.