सबसे पहले जिस शख्स ने कही थी बीमारियों से बचने के लिए साबुन से हाथ धोने की बात, उन्हें भेज दिया गया था पागलखाने
कोरोना वायरस से बचने के लिए साफ सफाई के साथ-साथ लगातार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है. साथ ही सोशल डिस्टेसिंग अपनाने को कहा जा रहा है. पर क्या आपको पता है कि किसने सबसे पहले ये बात कही थी कि बीमारियों से बचने के लिए हाथ धोना ज़रूरी है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण का डर चारो तरफ फैल गया है. अब वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन समेत सारे देशों की हेल्थ मिनिस्ट्री ये सलाह दे रहे हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए हाथ धोते रहिए. पर क्या आप जानते हैं एक डॉक्टर ने सबसे पहले साबुन से हाथ धोने की बात कही थी.
Ignaz Phillipp Semmelweis नाम के डॉक्टर ने सबसे पहले कहा था कि बीमारियों से बचने के लिए हाथ धोना ज़रूरी है.
1847 में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के अस्पताल में काम करते वक़्त उन्होंने पहली बार हाथ धोने का ज़रूरत लोगों को समझाने की कोशिश की. लेकिन उनके साथी डॉक्टरों ने उन्हें पागल करार दिया. इसके बाद उनको पागलखाने भेज दिया गया जहां कुछ लोगों ने उनपर हमला किया और उनके दाहिने हाथ में चोट लगी और उन्हें गैंगरीन हो गया जिसमें उनकी मौत हो गयी.
बीमारियों से बचने के लिए हाथ धोना ज़रूरी है ये हंगेरियन डॉक्टर से पहले शायद ही किसी को पता था. लोगों को इस बात का कोई आईडिया नहीं था कि हाथ न धोकर खाने से बैक्टीरिया और वायरस हाथ के माध्यम से पेट के अंदर जा सकता है, जिससे लोग बीमार पड़ सकते है. किसी ऑपरेशन से पहले क्लीनिकल प्रोसीजर में भी हाथ धोना कंपल्सरी नहीं था.
हंगेरियन डॉक्टर Ignaz ने पिउपेराल फीवर-चाइल्ड बेड फीवर क्यों ज़्यादा फैल रहा है इसपर रिसर्च कर रहे थे. 1846 में उन्होंने कहा कि चाइल्ड डिलीवरी से पहले डॉक्टरों को हाथ धोकर ही ऑपरेशन करना चाहिए . उनकी थ्योरी मानकर विएना के अस्पताल में चाइल्ड बेड फीवर की संख्या कम हो गई थी.
लेकिन बे अपने थ्योरी को 100 फीसदी साबित नहीं कर पाए थे. इसके बाद उनके दोस्तों ने उनको पागल करार दिया.
आज पूरी दुनिया करीब 200 साल बाद एक ' पागल' के थ्योरी को ही बचने का मंत्र के हिसाब से देख रही है.
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