नई दिल्ली: नये साल के पहले सूरज की पहली किरण का दीदार करने के लिए इलाहाबाद में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर भोर से ही तमाम लोग मौजूद थे. सुबह साढ़े छः बजे तक आसमान में बादल छाये हुए थे और फिजाओं में कोहरे ने हल्की धुंध फैला रखी थी. इस दौरान बर्फीली हवाएं सितम ढ़ा रही थीं.
नये साल का स्वागत
इन सबके बावजूद नये साल का पहला सूरज अपनी पूरी लालिमा बिखेरते हुए तय वक्त सुबह के छः बजकर पचपन मिनट पर नज़र आने लगा. करीब दस से बारह मिनट तक अपनी लालिमा बिखेरने के बाद सूरज फिर से बादलों की ओट में छिप गया. इस मौके पर संगम पर मौजूद तमाम श्रद्धालुओं ने वैदिक मन्त्रों का पाठ करते हुए दीप जलाकर आध्यात्मिक अंदाज में नये साल का स्वागत किया और मंगलकामना के लिए उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर उसकी आरती भी की.
सूर्योदय का नज़ारा देखने के साथ ही गंगा में आस्था की डुबकी
पिछले कई दिनों के मुकाबले मौसम आज साल के पहले दिन सोमवार को थोड़ा साफ़ होने से लोगों को पहले सूरज का दीदार करने में कोई ख़ास दिक्कत नहीं हुई. नया साल शुभ होने की कामना के लिए तमाम लोगों ने संगम पर सूर्योदय का नज़ारा देखने के साथ ही गंगा में आस्था की डुबकी भी लगाई और ईश्वर से साल 2018 में सबको खुशियों से सराबोर कर देने की प्रार्थना की. संगम पर नये साल के पहले सूरज का दीदार करने के बाद कुछ लोगों ने मंदिरों में जाकर देवी- देवताओं के दर्शन किये और उनसे पूरा साल बेहतर बीतने का आशीर्वाद मांगा.