नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बगावती तेवर दिखाए हैं. इस बार उन्होंने एनआरसी पर अपना विरोध जताया है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके एनआरसी को नागरिकता की नोटबंदी बताया है.


प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''राष्ट्रव्यापी एनआरसी का आइडिया नागरिकता के नोटबंदी की तरह है. यह तब तक अमान्य है, जब तक आप इसे साबित नहीं करते. हम अपने अनुभवों से जानते हैं कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब और हाशिये पर रहने वाले लोग होंगे.''






इससे पहले प्रशांत किशोर ने नागरिकता बिल को सरकार के हाथों में एक घातक हथियार बताया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) नागरिकता प्रदान करने के लिए है और यह किसी से नागरिकता छीनेगा नहीं. हालांकि सच यह है कि यह एनआरसी के साथ मिलकर धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार देगा.''


नागरिकता कानून पर पार्टी लाइन से हटकर खुलेआम मुखालफत दिखा चुके जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक नीतिश से मुलाकात के दौरान प्रशांत किशोर ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश भी की. प्रशांत किशोर की इस पेशकश को नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया. सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर ने एक बार नहीं बल्कि तीन बार इस्तीफे की पेशकश की.


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