Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स से देश में एक की मौत, जानिए कितना खतरनाक है इसका संक्रमण
Monkeypox Testing Kit: देश में मंकीपॉक्स को लेकर वैक्सीन बनेगी या नहीं इसको लेकर डॉक्टर संजय राय बताते हैं कि अभी जरूरत नहीं है कि मंकीपॉक्स को लेकर कोई भी वैक्सीन बनाई जाए. जरूरत पड़ती है तो भारत सक्षम है
![Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स से देश में एक की मौत, जानिए कितना खतरनाक है इसका संक्रमण the impact of monkeypox in India so far Union Health Secretary wrote a letter to the states ann Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स से देश में एक की मौत, जानिए कितना खतरनाक है इसका संक्रमण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/27/b191483a7812791d32f530cdaa3bb12a1658919432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Monkeypox In India: भारत में मंकी पॉक्स (Monkeypox) के अब तक कुल 4 कन्फर्म केस सामने आए है जिसमे 1 मरीज की मौत हो गई है. जो केस आए है सामने उसमे 3 केरल (Kerala) में और 1 दिल्ली (Delhi) से सामने आए है. वहीं दुनिया के अलग अलग देशों में कई केस सामने आए है. लेकिन अब तक जानकारों का मानना है कि ये बीमारी कोरोना (Corona) या स्मॉल पॉक्स (Small Pox) जैसी खतरनाक नहीं है. वहीं इसकी वैक्सीन (Vaccine) है जो कुछ देशों में है लेकिन अभी भारत में नहीं है. वहीं भारत में आईसीएमआर (ICMR) ने मंकी पॉक्स के वायरस को अलग किया है जिसे आने वाले समय में वैक्सीन और टेस्टिंग किट (Testing Kit) बनेगी.
मंकीपॉक्स एक तरीके का संक्रामक रोग है. जिसमें चेचक के समान ही शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं. हालांकि, यह उससे थोड़े कम होते हैं. पहली बार ये संक्रमण बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है. बंदरों के बाद कांगो में 1970 में मंकीपॉक्स का इंसानों में पहला मामला पाया गया था. मंकीपॉक्स में बुखार, कमजोरी, बदन दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, सूजन, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर दाने और गांठ नुमा फोड़े पड़ होते है. ये बीमारी 3 से 4 हफ्ते रहती है और संक्रमण के तीन से चार दिन बाद इसके लक्षण दिखते है. इस दौरान बुखार, बदन दर्द, कोशिकाओं में सूजन और शरीर पर चकते आते है लेकिन ये उतनी तेज़ी से नहीं फैलती है. इसमें वो लोग संक्रमण की चपेट आ सकते है जो मरीज के आस पास होते है. वहीं ये स्मॉल पॉक्स जितनी घातक नहीं हैं.
'भारत में वैक्सीन बनाने की जरूरत नहीं'
देश में मंकीपॉक्स को लेकर वैक्सीन बनेगी या नहीं इसको लेकर डॉक्टर संजय राय बताते हैं कि अभी जरूरत नहीं है कि मंकीपॉक्स को लेकर कोई भी वैक्सीन बनाई जाए लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो भारत सक्षम है किसी भी वैक्सीन के मास प्रोडक्शन के लिए और यकीनन भारत इसमें सबसे आगे रहेगा. इससे पहले भी भारत विश्व के सामने दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर रहा है. इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय राय ने कहा है कि फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स की वैक्सीन नहीं है लेकिन इसके लिए आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने वायरस को कल्चर किया है जिसे आगे वैक्सीन डेवलप की जा सकती है.
केरल में मल्टी डिसिप्लिनरी टीम भेजी
14 जुलाई को मंकी पॉक्स के भारत में भी दस्तक के बाद केरल के कोल्लम जिले में मंकी पॉक्स के पहले केस की पुष्टि हुई, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वहां मेडिकल प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं के मजबूत करने के लिए मल्टी डिसिप्लिनरी टीम भेजी है. वहीं जानकारों के मुताबिक ये बीमारी फिलहाल अभी घातक नहीं है हालांकि सावधानी बरतनी होगी. मंकी पॉक्स का केस सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मल्टी डिसिप्लिनरी टीम को केरल भेजा है. केरल की केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), आरएमएल अस्पताल के विशेषज्ञ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ शामिल हैं. टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करेगी.
मंकी पॉक्स के बाद एंट्री पॉइंट्स पर मीटिंग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 जुलाई को हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के कामकाज की समीक्षा की थी. बैठक में एयरपोर्ट और बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारियों और स्वास्थ्य के क्षेत्रीय कार्यालयों के रीजनल डायरेक्टर शामिल थे. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिया गया है सभी आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सख्त स्वास्थ्य जांच की जाए जिससे देश में मंकीपॉक्स के मामलों के जोखिम को कम किया जा सके. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश' के मुताबिक मंकीपॉक्स रोग की क्लिनिकल मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट करने की सलाह दी गई. साथ ही कोई संक्रमित पाया जाता है तो समय पर रेफरल और आइसोलेशन के लिए बंदरगाह और एयरपोर्ट के लिए निर्धारित अस्पताल सुविधाओं हो ये सुनिश्चित करने के अलावा, अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन जैसी अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करने की भी सलाह दी गई थी.
आईसीएमआर ने वैक्सीन के लिए वायरस अलग किया
27 जुलाई आईसीएमआर (ICMR) यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के पुणे (Pune) स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब एक मरीज के नमूने से मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) को अलग कर दिया है. इसे इस बीमारी के टेस्टिंग किट (Testing Kit) और वैक्सीन (Vaccine) बनाने में काफी मदद मिलेगी. वहीं भारत द्वारा वायरस को अलग किए जाने के साथ ही आईसीएमआर ने वैक्सीन डेवलपमेंट और टेस्टिंग किट बनाने में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी वैक्सीन निर्माताओं, फार्मा कंपनियों, अनुसंधान और विकास संस्थानों और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (IVD) किट निर्माताओं से EOI यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट भी आमंत्रित किया.
ये भी पढ़ें: Monkeypox: देश में मंकीपॉक्स वायरस से एक मरीज की मौत, जानें- क्या है लक्षण और बचाव के तरीके
ये भी पढ़ें: Monkeypox vs Chickenpox: क्या एक जैसे हैं मंकीपॉक्स और चिकनपॉक्स के लक्षण? एक्सपर्ट से समझिए
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)