Indian Railway: दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा करने वालों के लिए अच्छी ख़बर है, भारतीय रेलवे के मुताबिक साल 2024 तक दिल्ली से मुंबई की यात्रा में सिर्फ 13 घंटे ही लगेंगे. वर्तमान में दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाली प्रमुख ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस को 16 घंटे लगते हैं, जबकि अन्य सामान्य ट्रेनों को 18 से 22 घंटे लगते हैं. दुरंतो एक्सप्रेस मुंबई सेंट्रल से नई दिल्ली तक की दूरी तय करने में 17 घंटे 15 मिनट का समय लेती है. इन दो महानगरों के बीच की दूरी 1,386 किलोमीटर है.


वेस्टर्न रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रैक के काम के अलावा, सिग्नल सिस्टम का काम भी जोरों पर चल रहा है. लगभग आधा काम पूरा हो चुका है, बाकि काम मार्च साल 2024 तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद इस रूट पर ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी. ट्रेनों की औसतन गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. इस रूट पर अभी ट्रेनों की औसत गति 75 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे है. रेलवे अधिकारियों को उम्मीद है कि काम पूरा हो जाने के बाद 25 प्रतिशत यात्री ट्रेन से सफर करना पसंद करेंगे, क्योंकि इस दौरान वह हमेशा इंटरनेट से जुड़े रह सकते हैं. 


वेस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने बुधवार को बताया कि मार्च साल 2024 तक सभी ट्रेनें जो दिल्ली से मुंबई के बीच चलती हैं, उनका समय काफी कम हो जाएगा और सीमित स्टेशनों पर रूकने वाली ट्रेनें केवल 13 घंटे में दोनों शहरों के बीच की दूरी को कवर कर सकेंगी. उन्होंने आगे कहा, 'हम सभी ICF कोचों को LHB कोच में बदलने पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा पटरियों और अन्य बुनियादी ढांचों को मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं'.


एक सीनियर अधिकारी ने बताया इस परियोजना के तहत ट्रैक को बदला जा रहा है. एक किलोमीटर के ट्रैक में करीब 100 और स्लीपर जोड़े जाएंगे. इसके साथ ही, रेलवे क्रासिंग पर भी काम चल रहा है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की तुलना में लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोच का वजन कम होता है, ICF कोच की तुलना में LHB कोच में उच्च वहन क्षमता, उच्च गति क्षमता और लाइफ सेफ्टी ज्यादा होती है.  भारतीय रेलवे में सभी ICF कोचों को LHB में बदली जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक ICF कोचों को पहले ही WR द्वारा बदला जा चुका है.


मुंबई-दिल्ली रेलवे रूट देश के सबसे व्यस्त रेल मार्गों में से एक है. इस रूट पर 100 से अधिक ट्रेनें चलती हैं, जिसमें मुंबई से दिल्ली जाने वाली एक दर्जन से अधिक ट्रेनें शामिल हैं. दिल्ली- मुंबई रूट उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात को कवर करता है. इन सात राज्यों के यात्रियों को इस परियोजना का लाभ मिलेगा. वेस्टर्न रेलवे अधिकारी के मुताबिक, इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद, इस रूट की कैपिसिटी में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी. दूसरे शब्दों में कहे तो इसका मतलब यह है कि इस रूट पर कुछ और ट्रेनें चलेंगी.


6,661 करोड़ की है यह परियोजना


वेस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि यह पश्चिम मध्य रेलवे, उत्तर मध्य, उत्तरी रेलवे और पश्चिमी रेलवे सहित चार रेलवे जोन द्वारा की जाने वाली यह परियोजना 6,661 करोड़ रुपये की है. रेलवे ट्रैक का एक बड़ा हिस्सा पश्चिमी रेलवे द्वारा अपग्रेड किया जा रहा है.  


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