जयपुर धमाके के दोषियों को मौत की सजा सुनाने वाले जज को जान का खतरा, की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में सजा सुनाने वाले न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने अपने परिवार और खुद के लिए खतरे की आशंका जताई है. इसके चलते उन्होंने डीजीपी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर सुरक्षा घेरा बढ़ाने की मांग की है.
जयपुरः जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाने वाले न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने हाल ही में डीजीपी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अपने परिवार और खुद के लिए खतरे की आशंका जताते हुए सुरक्षा घेरा बढ़ाने की मांग की है.
सुरक्षा को लेकर चिंतित सेवानिवृत्त न्यायाधीश शर्मा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भूपेंद्र यादव को पत्र में कहा, "आईबी की रिपोर्ट के अनुसार, मुझे और मेरे परिवार से आतंकी ग्रुप कभी भी बदला ले सकते हैं. मुझे सूचना मिली है कि पुलिस लाइन के अधिकारी मुझे दी गई सुरक्षा को हटाने जा रहे हैं, ऐसे में मुझे दी गई सुरक्षा को यथावत रखा जाए."
पत्र में शर्मा ने कहा कि उनके घर पर शराब की खाली बोतलें फेंकी गई हैं. कई दिनों से मोटरसाइकिल सवार संदिग्ध लोग घर के बाहर चक्कर लगा रहे हैं. शर्मा ने पत्र में कहा, "संदिग्ध लोगों ने उनके घर के बाहर की फोटो भी खींची है. ये आतंकी समूह बहुत ही खतरनाक हैं. ये मेरे और मेरे परिवार के साथ कुछ भी कर सकते हैं."
पत्र में न्यायाधीश नीलकंठ गंजू का उदाहरण भी दिया गया है. न्यायाधीश नीलकंठ गंजू ने 1984 में आतंकी मकबूल भट्ट को मौत की सजा सुनाई थी और उन्हें दो अक्टूबर, 1989 को आतंकियों ने मार दिया था. उन्होंने लिखा है कि क्या यह मेरा कसूर है कि मैंने चार खूंखार आतंकियों को फांसी की सजा दी.
उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी आईएसआई से संबंधित हैं और संगठन के स्लीपर सेल के साथ काम कर रहे हैं. जयपुर में 13 मई, 2008 को सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिसमें 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 250 लोग घायल हुए थे.
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