The Kashmir Files: कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनी फिल्म की चर्चा ज़ोरो पर, abp न्यूज़ से क्या कुछ बोले विवेक अग्निहोत्री और अनुपम खेर
विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' इन दिनों चर्चा में है. विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर और पल्लवी जोशी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की है.
विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' इन दिनों चर्चा में है. कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनाई गई इस फिल्म को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई सरकारों टैक्स फ्री कर दिया है. इस फिल्म का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ज़िक्र कर चुके हैं. हर तरफ हो रही चर्चा के बीच इस फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री, अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की और फिल्म से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया. साथ ही कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर भी अपनी बातें रखीं.
फिल्म में अनुपम खेर के किरदार को लेकर उनसे सवाल किया गया, जिस पर अनुपम खेर ने कहा, "वो बुज़ुर्ग जो है वो तमाम कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों का एक समागम है. एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व है और उस बुज़ुर्ग का नाम पुष्कर नाथ है, जो मेरे अपने पिता का नाम था. मैंने इस दर्द को बहुद नज़दीक से देखा है. और मेरी आत्मा ने इसमें जान डालने की कोशिश की है. मैं इसमें जीया हूं. ये मेरा पहला ऐसा रोल है, जहां पर मैंने किसी भी क्राफ्ट को इस्तेमाल नहीं किया है... इस तरह प्रतिनिधित्व जो मैंने किया है, वो बेहद सादे लोग थे. न्याय पसंद थे. बोलते हुए भी मुझे तकलीफ हो रही है....बहुत ही मासूम थे और उनके साथ जब ऐसा हुआ तो उसको सिवाय महसूस करने के एक्टिंग नहीं की जा सकती है."
फिल्म के निर्देशक विके अग्निहोत्री ने कहा, "ज़ुल्म न सह पाना कोई गुनाह नहीं हो सकता. ज़ुल्म करना गुनाह है. ज़ुल्म न सह पाना नहीं है. इस फिल्म पर मैंने चार साल काम किया. पल्लवी ने, मैंने मेरे बच्चों ने इसे अपनी ज़िंदगी का वक्त दिया." उन्होंने कहा, "कश्मीरी मुसलमान भी शिव को मानते हैं, जो पुराने हैं, जो 1990 के बाद पैदा हुए वो नहीं. वो भी महाशिवरात्रि में हिस्सा लेते थे. शिव को भारतीय कॉन्सप्ट में मानते हैं कि इन्होंने सारा ज़हर पी लिया था.... इस पूरे आतंक का जो विष है ये कश्मीरी पंडित कश्मीरी हिंदु समुदाय ने पीया."
पल्लवी जोशी ने फिल्म की तैयारी को लेकर कहा, "4 साल तो हमें लोगों तक पहुंचने में, किताबे पढ़ने में, मीडिया से अर्काइव फुटेज इकट्ठा करने में. लेकिन मानव कहानियां हमें नहीं मिल रही थी क्योंकि सब कुछ राजनीति से होता है. उन लोगों के साथ हुआ क्या वहां पर. ये हम उनकी ज़ुबानी सुनना चाहते थे."
इंटरव्यू के दौरान अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री रोने लगे. विवेक अग्निहोत्री ने कहा, "हमने कल भी बहुत इंटरव्यू दिए लेकिन तुमने (रुबिका लियाकत) कुछ तार हिला दिए... कुछ अलग बात है. टूटे हुए दिल बोलते नहीं उन्हें सुना जाता है. हम आज तक कभी रोए नहीं फिल्म बनाते वक्त...मैं तो कभी नहीं रोया, लेकिन आज मुझे पता नहीं क्या हुआ... मैं कभी नहीं रोया." इस पर अनुपम खेर ने कहा, "पिता जी की बात कर दी आपने." विवेक अग्निहोत्री ने जवाब दिया, "ये सब के पिता का दर्द है...आप सबका ये दर्द है."
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