The Kerala Story: केरल में धर्मांतरण के मुद्दे पर बनी फिल्म द केरल स्टोरी की पूरे देश में चर्चा है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि केरल में लड़कियों का धर्मांतरण कराकर उन्हें आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए भेज दिया गया. इसी फिल्म में दावा किया गया है कि केरल से 32000 लड़कियों का धर्मांतरण कर उन्हें आतंकवादियों के साथ दूसरे देशों में भेज दिया गया. हालांकि, केरल सरकार और वहां के कई नेताओं ने इसे प्रोपेगेंडा बताया है लेकिन इस फिल्म के चलते केरल में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. यूपी और देश की राजनीति में सुर्खियों में रहे अयोध्या में साधु-संत भी भड़क उठे हैं. इन साधु-संतों से एबीपी न्यूज ने बात की.
अयोध्या में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने एबीपी न्यूज से कहा कि धर्मांतरण का काम केवल केरल में नहीं बल्कि पूरे देश में चल रहा है. उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में भी धर्मांतरण कराने वाली ताकतें सक्रिय हैं. राजू दास ने कहा कि यह दुख की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नाक के नीचे 32000 हजार लोग केरल से अन्य जगह जाएं और आतंकवादी गतिविधि में शामिल हो गए.
अयोध्या में भी धर्म परिवर्तन का दावा
राजू दास ने दावा किया कि अयोध्या में 36 जगहों पर चंगाई सभा चल रही है जबकि 140 जगहों पर धर्मांतरण के कार्यक्रम चल रहे हैं. एक अन्य संत ने भी राजू दास की बात का समर्थन किया और कहा कि धर्मांतरण का काम केवल केरल नहीं बल्कि देश भर में किया जा रहा है. संतों ने केरल सरकार से इस्तीफे की मांग की.
'धर्मांतरण नहीं राष्ट्रांतरण'
संतों ने कहा कि इसे केवल धर्मांतरण तक ही नहीं देखा जाना चाहिए. यह धर्मांतरण की नहीं बल्कि राष्ट्रांतरण की समस्या है. कोई अपना धर्म बदलता है तो उसका राष्ट्र भी बदल जाता है. उसकी आस्था पाकिस्तान या वेटिकन सिटी के प्रति हो जाती है. भारत से उसकी आस्था प्रभावित होती है. संतों ने कश्मीर फाइल्स के बाद से इस फिल्म को बनाने का देश का दूसरा सबसे साहसी काम बताया.
महंत राजू दास ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू तो है लेकिन यह प्रभावी नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अधिकांश एससी-एसटी समुदाय का ही धर्मांतरण किया जा रहा है. साथ ही मांग की कि जो लोग धर्मांतरण करते हैं उनका अनुसूचित जाति और जनजाति का दर्जा खत्म किया जाए.
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