TMC Leader On The Kerala Story: पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से 'द केरला स्टोरी' फिल्म को बैन कर दिया गया था. इसके बाद इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया और इस रोक को आधारहीन बताया. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि इस फिल्म को दिखाने वाले सिनेमा हॉल को सुरक्षा दी जाए. साथ ही सरकार की तरफ से सिनेमाघर मालिकों पर कोई दबाव न बनाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल के कई नेताओं ने इस पर अपनी राय दी है. पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने कहा कि कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है, इसके बाद मुख्यमंत्री क्या कार्रवाई करेंगी, यह वो बताएंगी. फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि स्टेट के पास कुछ इनपुट थे तो निर्णय लिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है तो कोर्ट के निर्णय का सम्मान है.
टीएमसी मंत्री पांजा ने अपनी प्रतिक्रिया दी
सुप्रीम कोर्ट की ओर से द केरल स्टोरी फिल्म पर राज्य में लगे बैन को हटाए जाने के बाद, टीएमसी पार्टी में मंत्री शशि पांजा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट ने अपनी राय दे दी है, इसके बाद सीएम ममता क्या कार्रवाई करेंगी, यह वहीं बताऐंगी, उनका इरादा था कि किसी भी समुदाय को ठेस न पहुंचे. अगर कोई समुदाय आहत महसूस करता है और प्रतिक्रिया करता है, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है तो वे इसका संज्ञान लेंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं से भी कहा है कि वह एक नया डिस्क्लेमर लगाएं. इसमें कहा जाए कि 32000 लड़कियों के गायब होने का आंकड़ा पुख्ता नहीं है. कोर्ट ने 20 मई की शाम 5 बजे तक यह नया डिस्क्लेमर लगा देने के लिए कहा है.
"पश्चिम बंगाल देश के अन्य हिस्सों से अलग नहीं "
इससे कुछ दिन पहले फिल्म पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया इस सवाल पर टीएमसी नेता विश्वजीत देब ने कहा, "अगर कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि सभी की सुरक्षा हो. कानून और व्यवस्था की कोई समस्या न हो. यह एक निवारक उपाय था."
'द केरला स्टोरी' 6 मई को पूरे देश में रिलीज हुई. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार अच्छा प्रदर्शन भी कर रही है, लेकिन 8 मई को पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फिल्म से अपने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताते हुए इस पर रोक लगा दी. गुरुवार (18 मई ) को राज्य सरकार के दावे को निराधार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को हटा लिया.
सीजेआई ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि फिल्म देश के दूसरे हिस्सों में चल रही है, इसे पश्चिम बंगाल में रिलीज क्यों नहीं किया जा सकता? अदालत ने कहा, "पश्चिम बंगाल देश के अन्य हिस्सों से अलग नहीं है."