Tomato Flu: द लैंसेट ने दी चेतावनी, टोमैटो फ्लू को बढ़ने से नहीं रोका तो वयस्कों में भी फैल सकता है संक्रमण
Tomato Flu: द लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल ने अपनी स्टडी में बताया कि इससे संक्रमित होने बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह लाल रंग के दाने हो जाते इसलिए इसका नाम टौमेटो फ्लू रखा गया है.
Tomato Flu Study: द लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ज्यादातर छोटे बच्चों को को होने वाले टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) को अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो वयस्कों में भी संक्रमण फैल सकता है. लैंसेट ने स्टडी में बताया कि भारत में पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में 6 मई को आया था. स्थानीय सरकारी अस्पतालों के 26 जुलाई, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक, 5 साल से कम उम्र के 82 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. द लैंसेट द्वारा 17 अगस्त को जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया कि बच्चों को 'टोमैटो फ्लू' संक्रमण नजदीकी संपर्क से, गंदी जगहों को छूने, डाइपर के इस्तेमाल और सीधे मुंह में कोई चीज डालने से हो सकता है.
टोमैटो फ्लू नाम क्यों पड़ा और इसके लक्षण क्या है?
लैंसेट ने स्टडी में खुलासा किया कि इससे संक्रमित होने वाले बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह लाल रंग के दाने हो जाते इसलिए इसका नाम 'टोमैटो फ्लू' रखा गया है. इसके लक्षण कोरोना वायरस की तरह जैसे कि तेज बुखार, उल्टी, दस्त, जोड़ो में तेज दर्द, थकान, मतली आदि है. इस फ्लू का इलाज की बात करें तो चिकनगुनिया, डेंगू की तरह होता क्योंकि इसके लक्षण भी यही है. इससे बचने के लिए अभी फिलहाल दवा या वैक्सीन नहीं है. इससे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा उपाय है कि साफ-सफाई रखिए और साथ ही संक्रमित बच्चों के साथ ना खेलिए और उनके साथ कोई चीज शेयर मत करिए.
टोमैटो फ्लू से बचने के लिए तमिलनाडु ने क्या किया?
तमिलनाडु ने केरल में टोमैटो फ्लू के केस सामने आने के बाद बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए राज्य की सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. तमिलनाडु ने केरल सीमा पर स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम को तैनात कर दिया है, जो केरल से आने वाले लोगों की जांच कर रही है. जिससे की इस फ्लू को राज्यों में फैलने से रोका जा सके.
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