नई दिल्ली/अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद का नाम अब बदलने जा रहा है. सूबे के सीएम विजय रुपाणी ने साबरमती के तट पर बसे इस शहर का नाम कर्णावती करने का एलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अहमदाबाद के नाम बदले को लेकर बीते काफी दिनों से सोच विचार किया जा रहा था.
अहदमबाद का नाम बदले पर रुपानी ने आज कहा, "कानूनी सलाह-मशविरा और दूसरे तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद पुख्ता कदम उठाया जाएगा. आने वाले दिनों में हम इसपर विचार करेंगे. उनका कहना था कि परिवर्तन का नाम प्रगति है."
डिप्टी सीएम पहले ही चुके हैं बयान
आपको बता दें कि इससे पहले सूबे के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने की बात को लेकर बयान दिया था. उनका कहना था कि लोगों के जरिए पहले भी अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने की इच्छा जताइ गई है, भले ही अभी नाम बदला नहीं है लेकिन लोगों के मन में कर्णावती नाम ही बसा हुआ है. योग्य समय पर योग्य निर्णय पर विचार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसे लेकर अहमदाबाद महानगरपालिका में 1990 में पहली बार प्रस्ताव पास किया था. अहमदाबाद के मेयर बीजल पटेल का भी कहना है कि राज्य सरकार ओर केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में साल 2019 से पहले-पहले कर्णावती नाम रखता जा सकता है.
अहमदाबाद शहर को जानिए
60 लाख से ज्यादा आबादी वाला ये शहर भारत में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और औद्योगिक केंद्र के तौर पर शुमार किया जाता है. कपास के उत्पादन में इस शहर का दूसरा स्थान है. बुनाई के लिए ये शहर काफी मशहूर है. देशभर में इस शहर की पहचान व्यापार और वाणिज्य केन्द्र के तौर पर है.
कब बना शहर?
अहमदाबाद का नाम इस शहर के शासक सुल्तान अहमद शाह के नाम पर रखा गया. सुल्तान अहमद ने ही इस शहर की स्थापना 1411 में की थी. माना जाता है कि प्राचीन हिन्दू शहर असावल के निकट अहमदाबाद की स्थापना की थी.
नाम बदलने की राजनीति
उत्तर प्रदेश में अभी हाल के दिनों में तीन बड़े नाम बदले गए हैं. मुगल सराय स्टेशन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया तो इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखा गया. एक दिल पहले ही सीएम योगी आदित्याथ ने फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या कर दिया है. इस तरह अब महाराष्ट्र के शहर उस्मानाबाद और औरंगाबाद के नाम बदलने की भी मांग की जा रही है.
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