नई दिल्ली: दीपावली के एक दिन बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर रविवार को चार वर्षों के मुकाबले सबसे खराब दर्ज किया गया. पराली और पटाखे जलने से शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर रविवार को “आपात” श्रेणी को पार कर गया. हालांकि, ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में हवा की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहने और हल्की बारिश के कारण कुछ राहत मिली. शनिवार शाम वायु गुणवत्ता ‘‘अति गंभीर’’ श्रेणी में पहुंच गई थी.


इस दिन दिल्ली के प्रदूषण में ‘पीएम 2.5’ कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी, लेकिन पटाखों से निकलने वाले धुएं और हवा की मंद गति से हालात और बिगड़ गए.


दिल्ली-एनसीआर में सुबह छह बजे ‘पीएम 2.5’ कणों का स्तर 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था. जबकि इनका आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक का होता है.


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह छह बजे ‘पीएम-10’ का स्तर 543 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया जबकि इसका आपात स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है और 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक का स्तर भारत में सुरक्षित माना जाता है.


‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ के मुताबिक 48 घंटे से अधिक समय तक ‘पीएम 2.5’ कणों का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक तथा ‘पीएम 10’ का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक बना रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘‘अति गंभीर या आपात’’ श्रेणी में मानी जाती है.


राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश का उल्लंघन करते हुए शनिवार रात दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए गए. दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 414 दर्ज किया गया जो रात दस बजे 454 तक पहुंच गया था.


रविवार को चौबीस घंटे का औसतन एक्यूआई शाम चार बजे 435 दर्ज किया गया जो पिछले चार साल में दिवाली के एक दिन बाद दर्ज किया गया सबसे खराब सूचकांक था. पिछले वर्ष दीपावली 27 अक्टूबर को थी और तब 24 घंटे का औसत एक्यूआई 337 था. अगले दो दिन यह 368 और 400 था.


भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में रविवार को हवा की गति अधिक रही और हल्की बारिश हुई. विभाग ने कहा कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हुई.


विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि रविवार को हवा की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा थी. उन्होंने कहा कि सोमवार को यह 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी जिससे प्रदूषण कारक तत्वों को बिखरने में सहायता मिलेगी.


पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के अनुसार शनिवार रात को जलाए गए पटाखों और पराली जलाने की घटनाओं के कारण ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा में वृद्धि हुई. दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने कहा कि सोमवार को स्थिति में सुधार होगा.


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