हैदराबाद: एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि देश में विकलांग लोगों के आधिकारिक आंकड़े को 2011 की जनगणना में हो सकता है कि कम करके आंका गया होगा क्योंकि वास्तविक आंकड़े बहुत ज्यादा हैं.


दिव्यांग लोगों के सशक्तिकरण विभाग के सचिव नवरीत कंग ने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक 2.68 करोड़ लोग दिव्यांग हैं लेकिन विभिन्न राज्यों की तरफ से जारी सर्टिफिकेट इससे काफी ज्यादा है.


उन्होंने कहा, ‘‘2011 की जनगणना के मुताबिक आंकड़े (दिव्यांगों के) 2.68 करोड़ हैं. यह (भारत की) आबादी का लगभग 2.23 फीसदी है. यह आंकड़ा संभवत: कम है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ ने पूरी दुनिया में विकलांग लोगों के आंकड़े को दस से 15 फीसदी आंका है (पूरी दुनिया की आबादी का).’’


उन्होंने कहा, ‘‘तेजाब पीड़ित लोगों को भी विकलांग लोगों के अधिकार विधेयक -- 2016 में शामिल किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि नये कानून की परिभाषा में कई और विकलांग श्रेणी को शामिल किया गया है. इसलिए अगली जनगणना में यह संख्या काफी बढ़ेगी.


उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वीकार करना चाहूंगा कि यह (2011 की जनगणना के आंकड़े) संभवत: कम है और इसे इस तथ्य के साथ दिखाया गया है कि विभिन्न राज्यों की तरफ से जारी विकलांगता सर्टिफिकेट में विकलांगों की संख्या उस राज्य में जनगणना में दिखाए गए विकलांग लोगों की संख्या से ज्यादा है.’’