नई दिल्ली: बिहार में बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 440 पर पहुंचने के साथ ही हालात खराब बने हुए हैं. इस साल आई बाढ़ में 1.71 करोड़ लोग अब भी प्रभावित हैं जबकि असम और पश्चिम बंगाल में स्थिति में सुधार आया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बाढ़ प्रभावित अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जिले का हवाई सर्वेक्षण किया. मोदी ने बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए 500 करोड़ रुपये तुरंत देने की घोषणा की.

उन्होंने बाढ़ से मारे गए लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा भी की. अररिया जिले में बाढ़ से 95 लोगों की मौत हुई है और सीतामढ़ी में 46 और कटिहार में 40 लोगों की मौत हुई है.

आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी रिलीज में कहा गया कि कई जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है जिससे लोग अपने-अपने घर लौट रहे हैं. राहत शिविरों की संख्या घटकर 262 हो गई है. राहत शिविरों में 1.65 लाख लोग रह रहे हैं.

रिलीज में कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 28 दलों के 1,152 कर्मी 118 नौकाओं के साथ बचाव और राहत अभियानों में जुटे हैं.

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार आ रहा है. हालांकि राज्य में एक और व्यक्ति की मौत के साथ ताजा बाढ़ में मरने वाले लोगों की संख्या 73 पर पहुंच गई है. राज्य में इस साल बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 156 लोगों की मौत हो चुकी है.

केवल गोलाघाट के नुमलीगढ़ में धानसिरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

असम प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, धेमाजी, बरपेटा, चिरांग, मोरीगांव, नागांव और जोरहाट अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं. पश्चिम बंगाल के छह उत्तरी जिलों जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, अलीपुरदुआर, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा में मुख्य नदियों का जल स्तर घटने और भारी बारिश ना होने के कारण स्थिति में सुधार आया है.

बाढ़ का पानी कम होने से प्रभावित जिलों के कई हिस्सों में बस सेवाएं बहाल हो गई है.

राज्य में कल से मौत की कोई खबर नहीं है. हालांकि, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मालदा जिले के कुछ इलाकों में स्थिति अब भी चिंताजनक है. लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से मणिपुर और मिजोरम में सड़क संपर्क टूट गया है. भूस्खलन की वजह से सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण राज्य के कई भाग मुख्य भूमि से कट गए हैं.