नई दिल्ली: नागरिकता कानून और नागरिकता रजिस्टर को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तय प्रक्रिया के बाद ही देशभर में एनआरसी लागू की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले राज्य सरकारों से बात की जाएगी. साथ ही विशेषज्ञों की राय भी ली जाएगी.


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एनआरसी का उद्देश्य भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना है. विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा है. जिसकी वजह से देशवासियों को परेशानी हो सकती है. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सुखबीर सिंह बादल सहित बाकि नेताओं के साथ बात करेगी. यदि उनको इस बारे में कुछ भी आशंका है तो उसे दूर किया जाएगा.


प्रसाद ने कहा कि सीएए के विरोध में जो घटनाक्रम देश में घटित हुआ है वह निंदनीय है, संबंधित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ''जब ट्रिपल तलाक बिल लाया गया था तो उसका भी विरोध किया गया, जबकि ये बिल मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में है.'' बता दें कि ट्रिपल तलाक बिल को जुलाई में संसद में पारित किया गया था.


उन्होंने कहा, ''एनआरसी को लेकर पार्टी की नीति स्पष्ट है. साथ ही ये किसी प्रकार की राजनीति से संबंधित नहीं है. प्रसाद ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर गैर जिम्मेदाराना और गलत बयान देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा नागरिकों को आगजनी और हिंसा से बचाना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है. सीएए को लेकर रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि ये संवैधानिक रूप से वैध है. सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि सीएए नागरिकों के साथ समान व्यवहार रखने वाले आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं करता है.


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