Mundka Fire: मुंडका अग्निकांड वाली इमारत का मालिक गिरफ्तार, पूछताछ में मिलेंगे अहम सवालों के जवाब
Mundka Fire Building Owner Manish Lakda Arrested: बाहरी जिले के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि मनीष लाकड़ा की तलाश में कई पुलिस टीम में काम कर रही थी, उसका फोन भी स्विच ऑफ जा रहा था.
Mundka Fire Building Owner Manish Lakda Arrested: मुंडका अग्निकांड मामले में फरार चल रहे चार मंजिला इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का दावा है कि मनीष लाकड़ा हरियाणा भाग गया था और एक रात उसने वहीं स्थित एक हनुमान मंदिर में बिताई. पुलिस का कहना है कि मनीष लाकड़ा से पूछताछ कर कई अहम जानकारियां जुटानी है. जिससे ये पता चल सके कि उसने अवैध तौर पर इमारत में व्यवसायिक गतिविधियां कैसे शुरू करवाई और इसके लिए कौन-कौन सी एजेंसियों के साथ सांठगांठ की.
बाहरी जिले के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि मनीष लाकड़ा की तलाश में कई पुलिस टीम में काम कर रही थी, उसका फोन भी स्विच ऑफ जा रहा था. इस बीच रविवार सुबह सूचना मिली कि वह गेवरा मोड़ आने वाला है, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह घटना वाले दिन अपने घर पर ही मौजूद था, जो उसी इमारत के टॉप फ्लोर पर स्थित है. जिस समय हादसा हुआ वह अपने परिवार के साथ घर में बैठकर चाय पी रहा था.
2011 में पिता ने खरीदी थी बिल्डिंग 2016 में हुई थी मनीष लाकड़ा के नाम
अचानक से उसे कुछ जलने की दुर्गंध आई, जिसके बाद उसने देखा कि इमारत में आग लग चुकी है. बाहर राहत और बचाव का काम जारी था. उसी की मदद से वह अपने परिवार सहित घर से बाहर निकला और मौके से फरार हो गया. उसने अपने रिश्तेदारों को कॉल भी किया था. जांच में इस बात का भी पता चला है कि साल 2011 में ये बिल्डिंग इसके पिता ने खरीदी थी, जो 2016 में इसके नाम हो गयी. इसने टेनेंट रिफिकेशन नहीं कराया था.
27 शवों में 8 शवों की हुई शिनाख्त, डीएनए के सैंपल भी दिए
इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि घटना वाले दिन ऑफिस में 80 से 100 लोग थे, जिसमें से लगभग 60 लोगों को पुलिस व स्थानीय लोगों ने बचाया था. ये मामला बेहद गंभीर है इस हादसे में अभी तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है. इन 27 में से 8 शवों की शिनाख्त भी हो चुकी है, जिनके पोस्टमार्टम के करने के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. सभी 27 शवों की डीएनए सैंपल भी की गई है, ताकि जल्द से जल्द इन सभी की वैज्ञानिक तरीके से पहचान भी पूरी हो जाए.
जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई उनक परिजन परेशान
कई लोग अभी परेशान हैं, क्योंकि उनके परिजन जो इस हादसे का शिकार हुए हैं उनकी पहचान नहीं हो पाई है. इसलिए हमारी पूरी कोशिश है कि डीएनए सैंपलिंग जल्द से जल्द पूरी हो अगले 5 से 7 दिनों के भीतर सबके रिजल्ट भी आ जाएं, ताकि शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा सके. इस मामले में जो भी एजेंसी हो चाहे वह एमसीडी हो, डीएसआईडीसी हो या फिर अन्य कोई भी एजेंसी. जिस किसी की भी संलिप्तता पाई जाएगी उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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