श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि राज्य विधानमंडल की ओर से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित किए जाने का कदम 'सुनहरे अक्षरों' में लिखा जाएगा, क्योंकि यह देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी सफलता है.
उन्होंने नई कर व्यवस्था पर आशंकाएं दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि जो चीज देश के लिए अच्छी है वह जम्मू-कश्मीर के लिए बुरी नहीं हो सकती. उन्होंने साफ किया केंद्र सरकार ने इस बाबत राज्य के कैबिनेट नोट में कोई बदलाव नहीं किया कि 'जीएसटी को अमल में लाते वक्त हम अपने विशेष दर्जे की रक्षा कैसे करेंगे.'
महबूबा ने राज्य विधान परिषद में कहा, "मैं खुश हूं कि कोई शब्द या अक्षर बदले बिना उन्होंने इसे (कैबिनेट नोट को) राष्ट्रपति के आदेश में हमारे पास वापस भेजा." इससे पहले, दिन में वित्त मंत्री हसीब द्राबू की ओर से पेश किए गए जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद विधेयक पेश किया गया. आदेश में आश्वासन दिया गया कि संविधान के अनुच्छेद 370 में राज्य को जिस विशेष दर्जे की गारंटी दी गई है उसे सहेज कर रखा जाएगा.
महबूबा ने याद दिलाया कि उनके पिता और राज्य के दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद कहा करते थे कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा पूरे देश में सबसे सशक्त सदन है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब हम यह सुनते थे तो हम सोचा करते थे कि वह क्या कह रहे हैं? लेकिन आज हम देख रहे हैं कि पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा कानून और प्रस्ताव कब पारित करेगी ताकि जीएसटी, जो पूरे देश में पारित हो चुका है, यहां लागू किया जा सके."