रायपुर एम्स में भर्ती मरीज ने दूसरी मंजिल से छलांग लगाकर दी जान, पत्नी ने भी की खुदकुशी की कोशिश
रायपुर एम्स में भर्ती एक मरीज ने अस्पताल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. मरीज को इलाज के लिए एम्स में 26 तारीख को भर्ती किया गया था.
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड के लक्षण वाले मरीज ने दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है. रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एम्स में देर रात 26 वर्षीय दिलीप कुमार ने दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बलौदाबाजार क्षेत्र के निवासी दिलीप को इस महीने की 26 तारीख को एम्स में भर्ती कराया गया था. दिलीप को बुखार था इसलिए उसे उस वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जाता है.
उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान ही मंगलवार-बुधवार की देर रात दिलीप ने अस्पताल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.
कोरोना से नहीं था संक्रमित
इधर, एम्स ने एक बयान जारी कर बताया है कि 26 अप्रैल को कोविड-19 के लक्षणों वाले बलौदाबाजार के एक 26 वर्षीय पुरुष मरीज को भर्ती किया गया था. उसे 27 और 28 अप्रैल की रात्रि को एनआईवी पर रखा गया था. इस दौरान मरीज की पत्नी और अन्य स्टाफ भी वहां मौजूद था. 27 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद लगभग 2.30 बजे रोगी ने डी ब्लॉक की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी.
एम्स ने बताया है कि घटना के बाद मरीज की तत्काल चिकित्सा शुरू की गई, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. वहीं मरीज की पत्नी ने भी आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन एम्स के स्टाफ के प्रयासों से उसे रोक लिया गया. एम्स द्वारा जारी बयान के मुताबिक मरीज की कोविड-19 रिपोर्ट में उसके संक्रमित होने की पुष्टि नहीं की गई है. मरीज के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.
आत्महत्या से रोकने के लिए अस्पताल अपना रहे उपाय
बयान में कहा गया है कि एम्स रायपुर में मरीजों को आत्महत्या की मानसिकता से बचाने के लिए कई उपाय अपनाए गए हैं. इसमें इस प्रकार के मरीजों को चिन्हित कर उनकी निगरानी करने, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग प्रदान करने, ऐसे मरीजों के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती और एम्स के विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध खुली खिड़कियों को जाली से ढंकने तथा नुकीली वस्तुओं को उनसे दूर रखने के उपाय शामिल हैं.
इसके साथ ही मरीजों को रचनात्मक कार्य करने और अपने परिजनों से वीडियो कॉल करने की सुविधा भी प्रदान की गई है. बयान में कहा गया है कि इन उपायों की मदद से पिछले तीन माह में छह आत्महत्या के प्रयासों को रोका जा चुका है.
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