रांची: कुछ महीनों पहले झारखंड के गिरिडीह में अवैध देशी शराब पीने से 14 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, एक ही गांव में रहने वाले इन लोगों ने आसपास के अवैध शराब बेचने वालों से शराब खरीदी थी, पीने के बाद एक-एक कर लगभग 14 लोगों की मौत हो गई. लेकिन इस अवैध शराब का खेल अब भी जारी है, इसी पर झारखंड के चतरा और बिहार के गया जिले के बॉर्डर से अवैध शराब पर एबीपी न्यूज़ ने ग्राउंड रिपोर्ट लिखी है.


गिरिडीह में जो मौतें शराब पीने की वजह से हुई थी उसकी जांच की तो पता चला कि गिरिडीह के बॉर्डर इलाके से बिहार का जमुई जिला नजदीक है. जिसकी वजह से झारखंड में अवैध शराब तैयार की जाती है, जिसे बिहार भेजा जाता है. कुछ हिस्सा झारखंड में भी सप्लाई होता है, कुछ महीनों बाद अब जब हमने बिहार झारखंड के बॉर्डर इलाके में पड़ताल की तो पता चला कि अवैध शराब का ये कारोबार अभी और तेजी से चल रहा है. चतरा जिले से प्रतापपुर प्रखंड के लोधिया गांव से शराब की चलती हुई कई भठियाँ दिखाई देती हैं. तस्वीरें इस गांव के आसपास की कहानी बयां करती है. दरअसल चतरा जिले के इस गांव से सटकर मोरहर नदी बहती है जिसके दूसरे किनारे पर बिहार का गया जिला शुरू होता है. बिहार में शराबबंदी है जिसके कारण नदी का ये किनारा बिहार में अवैध शराब के कारोबार का एक बेहतरीन ठिकाना है.


पहचान न जाहिर करने की शर्त पर एक व्यक्ति ने हमें शराब का पूरा खेल समझाया, उसने बताया कि ये शराब ज्यादातर बिहार के लोग बनाते हैं. झारखंड के लोग भी हैं लेकिन बिहार से लोग इधर आकर शराब बनाकर उसे बार्डर पार कर ले जाते हैं. अकेले इस गांव की बात करें तो शराब की करीब 10 भट्ठी चलती है जिसके उत्पादन की बात करें तो एक दिन में इन सबसे तकरीबन 1000 लीटर अवैध जहरीली शराब बनती है, जो बिहार के साथ-साथ झारखंड में भी सप्लाई होती है. हमें इसी व्यक्ति ने ये भी बताया कि इस वक्त लोग शराब पीने आते हैं तो कहते हैं इससे कोरोना भाग जाएगा इसलिए ज्यादा पीते हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है, स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि अक्सर इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को देते हैं लेकिन यहां आने तक की जहमत पुलिस नहीं उठाती है. गांव के कुछ लोगों ने हमें बताया कि पुलिस ने एक-दो बार छापेमारी भी की है लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा.


अकेले इस इलाके की बात करें तो तकरीबन 200-300 अवैध शराब की भठियां चलती हैं जिनसे हजारों लीटर अवैध जानलेवा शराब निकलती है. ये शराब बिहार और झारखंड के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम बिकती है. हैरानी की बात तो ये है ज्यादातर प्रशासन इस मामले को जानता है बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होती. जिस कोरोना के संकट में लाकडाउन लगा उसका भी कोई असर शराब के इस धंधे पर नहीं हुआ. लोग आराम से बॉर्डर पार कर शराब का धंधा चला रहे हैं.


यह भी पढ़ेंः
बिहार: RJD में टूट पर तेजस्वी यादव ने कहा- 90 दिन घर में बैठकर नीतीश कुमार ने यही काम किया है

कोरोना संकट: इस बार मुंबई में गणेशोत्सव की रौनक होगी कम, लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए गए ये कदम