The Public Examinations Bill 2024: सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या फिर नकल जैसी बड़ी गड़बड़ियों पर नकेल कसने के लिए मंगलवार (06 फरवरी) को लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 पास हो गया. लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि विद्यार्थी या अभ्यर्थी इस कानून के दायरे में नहीं आते और ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि इसके माध्यम से उम्मीदवारों का उत्पीड़न होगा.
देश में पेपर लीक कितनी बड़ी समस्या है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल में लगभग 70 पेपर लीक हो चुके हैं. जिसका असर डेढ़ करोड़ छात्रों पर पड़ा. अकेले राजस्थान में 2011 से 2022 तक 26 पेपर लीक हुए. जब राज्य में गहलोत सरकार थी तो 14 पेपर कैंसिल किए गए.
2019 के बाद हर साल औसतन 3 पेपर लीक
साल 2019 के बाद से हर साल तीन पेपर लीक हुए. वहीं उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाए तो साल 2017 से 2022 तक 8 पेपर लीक हुए. इतना ही नहीं ऑनलाइन रिक्रूटमेंट, UP TET, PET जैसे भी पेपर लीक हुए. गुजरात में 14, पश्चिम बंगाल में 10, बिहार में 6 बार पेपर लीक.
हर साल तीन करोड़ छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. एक बच्चे की सालभर पढ़ाई लिखाई पर करीब दो लाख खर्च आता है.
तो अब पेपर लीक नहीं होंगे? नए विधेयक की खास बातें
UPSC, SSB, RRB, बैंकिंग, NEET, JEE, CET जैसी परीक्षा आएंगी. सामूहिक तौर पर नकल करवाना गैर जमानती अपराध होगा. अगर कोई नकल करता पकड़ा गया तो 3 साल सजा, 10 लाख जुर्माना. पर्चा लीक में संगठित गिरोह शामिल तो फिर 1 करोड़ जुर्माना और 10 साल तक कैद की सजा. एक नई जांच समिति बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. ये समिति एग्जाम प्रोसेस को और सुरक्षित बनाने के सुझाव देगी.
कहां कितनी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक?
जम्मू-कश्मीर में 3, हरियाणा में 2, राजस्थान में 7, गुजरात में 3, महाराष्ट्र में 2, कर्नाटक में 2, उत्तराखंड में 4, उत्तर प्रदेश में 1, मध्य प्रदेश में 5, तेलंगाना में 5, अरुणाचल प्रदेश में 1, असम में 1, बिहार में 3, झारखंड 1, ओडिशा में 1 ऐसी भर्ती परीक्षाएं रहीं जिसमें पेपर लीक हुए.
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