मुंबई: साईं बाबा के जन्म स्थल को लेकर जारी विवाद के बीच दो दिन पहले शिर्डी के लोगों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. वहीं आज पाथरी के सांसद और जनप्रतिनिधियों ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. पाथरी के सांसद संजय जाधव ने साफ किया कि शिर्डी के लोगों का यह दावा करना कि मुख्यमंत्री शिर्डी के लोगों की बात मान गए हैं. गलत है.
मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि साईं बाबा के जन्म स्थल के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए हैं. जरूरत पड़ी तो और पैसा दिया जाएगा. विवाद की बजाय विकास पर ध्यान लगाया जाए. संजय जाधव ने कहा कि पाथरी के लोग शिर्डी का सम्मान करते हैं और उसे साईं बाबा की कर्मभूमि मानते हैं. 60 के दशक के सरकारी दस्तावेजों में भी यह सूचना दर्ज है.
शिर्डीवासियों ने बुलाया था बंद
दरअसल, साईं बाबा की जन्म स्थली को लेकर सरकार के फैसले के बाद रविवार को शिर्डीवासियों ने शिर्डी बंद का आवाहन कर दिया था. पूरे दिन शिर्डी की दुकानें, होटलों के साथ सब कुछ बंद रहा. सड़कों पर निकलकर लोगों ने सरकार का विरोध किया. जिसके चलते देर शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से शिर्डी के लोगों को मुलाकात के लिए बुलाया गया. फिर लोगों ने अपना अघोषित बंद स्थाई रूप से निलंबित कर दिया था.
आज पाथरी के लोगों ने सीएम से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी किया कि उन्होंने विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए. अब तक किसी ने यह नहीं किया था. पाथरी के जनप्रतिनिधियों ने कहा कि शिर्डी का बहुत विकास हो चुका है, लेकिन पाथरी का कोई विकास नहीं हुआ है.
'समिति तय करेगी जन्म भूमि को लेकर इतिहास'
जनप्रतिनिधियों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी मांग को लेकर एक समिति के गठन किया जाए. जो स्पष्ट करेगी की जन्म भूमि को लेकर क्या इतिहास है. जरूरत पड़ने पर वह कोर्ट भी जा सकते हैं और आंदोलन भी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वह शिर्डी वालों की तरह आंदोलन नहीं करेंगे क्योंकि शिर्डी में आंदोलन से भक्तों को खाने-पीने की दिक्कत हुई थी. पाथरी के जनप्रतिनिधियों ने साफ किया कि वह अपना हक लेकर रहेंगे.
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