Jammu And Kashmir: जम्मू-कश्मीर में विधान सभा और संसद की सीटों के पुनर्गठन के लिए बनाए गए परिसीमन आयोग की रिपोर्ट ने प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है. इस रिपोर्ट के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट है और इस रिपोर्ट को बीजेपी का रिपोर्ट बता रहा है. चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट अपने सदस्यों के साथ साझा की है.


जम्मू संभाग में छह विधानसीटें


परिसीमन आयोग ने जम्मू संभाग में छह विधान सभा सीटें बनाई हैं जबकि कश्मीर संभाग में एक नई विधान सभा सीट को जोड़ा गया है. इसके साथ ही परिसीमन आयोग द्वारा जम्मू में 6 विधान सभा क्षेत्रों को अनुसूचित जनजाति और 7 विधान सभा सीटों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया है. 


अब प्रदेश में विपक्ष आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग ने यह रिपोर्ट बीजेपी के कहने पर बनाई है और इस रिपोर्ट का चुनावी फायदा सीधे सीधे बीजेपी को होगा. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के विरोध में जम्मू में पैंथर्स पार्टी ने निर्वाचन आयोग के बाहर प्रदर्शन किया. पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह ने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट में जम्मू की कई सीटों को नजरअंदाज किया गया है जो पिछले कई दशकों से आरक्षित पड़ी थी.


जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों ने रिपोर्ट का किया विरोध


वहीं बीजेपी का दावा है कि यह रिपोर्ट चुनाव आयोग ने बनाई है जो एक स्वतंत्र संस्था है. पीएमओ राज्यमंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने दावा किया है कि इस रिपोर्ट का विरोध करने वालों ने या तो यह रिपोर्ट नहीं पढ़ी है या फिर वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते इस रिपोर्ट का विरोध कर रहे हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दल भी इस रिपोर्ट को सिरे से नकार चुके हैं.


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